वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में भौतिक विज्ञान विभाग सहायक आचार्य डॉ योगेश भट्ट के द्वारा आज से दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

सेमिनार की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर जी आर सेमवाल के द्वारा की गई।

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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संयुक्त निदेशक प्रोफेसर आनंद सिंह उनियाल, अति विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्य वक्ता प्रोफेसर अशोक कुमार डिमरी, भौतिक विज्ञान विभाग, महाराजा कॉलेज सहारनपुर, विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर शशि सोलंकी, विभागाध्यक्ष जंतु विज्ञान विभाग, डी ए वी पी जी कॉलेज, देहरादून एवं डॉ गुंजन पुरोहित, भौतिक विज्ञान विभाग, डी ए वी पी जी कॉलेज, देहरादून से उपस्थित हुए।

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कार्यक्रम दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना, अतिथियों का बैज अलंकरण एवं पुष्प गुछ भेंट कर स्वागत एवं सम्मान के साथ हुआ। सरस्वती वंदना का आयोजन संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ मनोरथ नौगाई एवं उनके छात्राओं के द्वारा प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम का संचालन कुमारी प्रांजल जोशी, एम ए चतुर्थ सेमेस्टर के द्वारा किया गया। सेमिनार का शुभारंभ, सेमिनार आयोजन सचिव, डॉ योगेश भट्ट के द्वारा किया गया जिसमें उन्होंने सेमिनार के विषय एवं उद्देश्य पर अपने विचार व्यक्त किये।

साथ ही उन्होंने उपस्थित अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद भी किया। सेमिनार के संयोजक डॉ विनोद सिंह सहायक आचार्य भौतिक विज्ञान विभाग के द्वारा विभाग की उपलब्धियां एवं उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे विभाग के छात्र छात्राओं के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराई।

सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर गर सेमवाल ने भौतिक विज्ञान विभाग को शुभकामनाएं दी एवं सभी छात्र-छात्राओं को इस प्रकार की ज्ञानवर्धक सेमिनार में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करने हेतु अपना संदेश दिया।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रोफेसर आनंद सिंह उनियाल ने समस्त छात्र-छात्राओं को नैतिकता का पाठ पढ़ाया और साथ ही अकारण किए जाने वाले आंदोलन को न करने की नसीहत भी दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा द्वारा दी जा रही छात्रवृत्ति योजनाओं के बारे में बताया।

साथ ही उन्होंने सरकार द्वारा घर-घर शिक्षा के मंतव्य को भी छात्र छात्राओं के मध्य रखा। उन्होंने सेमिनार के विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि

वर्तमान समय मे विज्ञान का महत्व और अधिक बढ़ गया है और कैसे हम विज्ञान की सहायता से सामान्य सी परेशानी को भी समाप्त कर सकते हैं, यह विज्ञान की उपयोगिता से ही सिद्ध होता है।

इसके साथ ही उन्होंने छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय परिसर को अपने घर की तरह साफ सुथरा रखने का संदेश दिया, और एनसीसी, एनएसएस, व रॉबर्स और रेंजर्स के माध्यम से कॉलेज को और सुंदर स्थान बनाए जाने की बात भी रखी।

सहायक निदेशक ने महाविद्यालय को प्रत्येक तीन माह में अभिभावक शिक्षक संघ बैठक आयोजित करने का विचार भी व्यक्त किया,

जिससे शिक्षक, अभिभावक एवं छात्र-छात्राओं के मध्य और अधिक सामंजस्य स्थापित कर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक सुधार किया जा सके। डेढ़ घंटे के अपने व्याख्यान में संयुक्त निदेशक के द्वारा न केवल छात्र-छात्राओं को बल्कि प्राध्यापक व कर्मचारियों को भी सकारात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रोफेसर अशोक कुमार डिमरी ने ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस विषय पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस (बी सी आई) एक ऐसी प्रणाली है जो कार्यात्मक इरादे को निर्धारित करती है।

आपके वातावरण में किसी चीज को बदलने, स्थानांतरित करने, नियंत्रित करने या उसके साथ बातचीत करने की इच्छा सीधे आपके मस्तिष्क की गतिविधि से संचालित होती है।

दूसरे शब्दों में, बी सी आई आपको केवल अपने दिमाग का उपयोग करके किसी एप्लीकेशन या डिवाइस को नियंत्रित करने की अनुमति देता है। द्वितीय वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ गुंजन पुरोहित ने लेजर प्लाज्मा टेक्नोलॉजी के बारे में विस्तार से समझाया।

उन्होंने बताया कि लेजर प्लाज्मा , इलेक्ट्रॉन प्लाज्मा तरंग या अन्य उच्च-ग्रेडियंट प्लाज्मा संरचनाओं (जैसे शॉक और शीथ फील्ड) से जुड़े विद्युत क्षेत्र का उपयोग करके इलेक्ट्रोनों, पोसिट्रोन्स, और आयनो जैसे आवेशित कणों को तेज करने की यह एक प्रकार की तकनीक है। इसके माध्यम से यह कहा जा सकता है की लेजर ने एक कंपैक्ट कण त्वरक के रूप में प्लाज्मा का उत्पादन किया।

उच्च तीव्रता वाले लेजर उत्पादित प्लाज्मा बहुत कम दूरी पर कणों को उच्च ऊर्जा में तेजी लाने में सक्षम होते हैं। तृतीय वक्ता के रूप में उपस्थित प्रोफ शशि सोलंकी ने एडवांसमेंट इन टेक्नोलॉजी ट्रांसफॉर्मिंग हेल्थ केयर विषय पर अपने विचार व्यक्त किये।

अपने व्याख्यान में उन्होंने बताया कि किस प्रकार से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आई और मशीन लर्निंग म इन दोनों का प्रयोग बड़ी मात्रा में मेडिकल डाटा का विश्लेषण करने और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को अधिक सूचित निर्णय लेने में मदद करने के लिए किया जा रहा है इस तकनीक का उपयोग व्यक्तिकृत उपचार योजनाएं विकसित करने निदान में सुधार करने और यहां तक की बीमारियों का शीघ्र पता लगाने के लिए किया जा रहा है।

सेमिनार के अंत में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रोफेसर आर एस गंगवार द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया एवं साथ ही उपस्थित अतिथियों का अभिनंदन एवं उनके दिए गए व्याख्यानों का सत्रांत भी किया गया।

सेमिनार में प्राध्यापक वर्ग में प्रोफेसर अरविंद कुमार अवस्थी, मुख्यशास्ता डॉ रोशन केश्तवाल, डॉ नीलम ध्यानी, डॉ राकेश मोहन नौटियाल, डॉ आर पी बडोनी, मीडिया प्रभारी डॉक्टर दीप्ति बगवाड़ी, डॉक्टर अमित गुप्ता, डॉ पूजा पालीवाल, डॉ निरंजन प्रजापति, डॉ अविनाश भट्ट, डॉक्टर के के बंगवाल, डॉ सुनील सिंह, श्रीमती भावना, श्रीमती रीना, श्रीमती दीपा, श्रीमती दीपमाला, श्री अभिषेक गॉड, कर्मचारी वर्ग में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री मनमोहन सिंह, श्री अरविंद नेगी, श्री अशोक कंडारी आदि उपस्थित रहे।