श्री राम मंदिर अयोध्या धाम में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर कोटा राजस्थान की शिक्षा विद डॉ0 नेहा प्रधान सुरभि की स्वरचित कविता

 

 पूर्ण हुआ वनवास राम का, सीता का उद्धार हुआ,

हुआ अवध धन्य चरण से, श्रापित युग का अंत हुआ।

सत्य सनातन धर्म की विजय पताका फहराई है,

रामलला के आगमन की चहुंओर बजी शहनाई है।

घनघोर अंधेरा छंटा धरा से, पुण्य कर्म आरंभ हुआ,

रामलला के पुण्य चरण से विधर्मी रावण का अंत हुआ।

कष्ट अनेकों सह-सह के धरती मां अब कुम्हलाई है,

आओ अब आ जाओ की आवाजें चहुं दिशा से आई हैं।

दशरथ के लल्ला लौटे हैं, कैकयी का संकल्प पूर्ण हुआ,

कुत्सित विचार छूट गए, वेद-संस्कारों का आरंभ हुआ।

त्रेता युग की मर्यादाएं कलयुग का अंत ले आई हैं,

अयोध्या सजी है दुल्हन सी, श्री राम की अगुवाई है।

त्रेता-द्वापर या कलयुग हो हर युग में श्री का अवतार हुआ,

कैसा भी दुष्कर पापी हो ,हर युग में उसका अंत हुआ।

उत्तरायण हुआ दिनकर जब अब आई श्रीराम की बारी है,

रामराज्य की पावन बेला पर प्रकृति भी हर्षाई है।

डॉ 0 नेहा प्रधान ‘सुरभि’ कोटा राजस्थान





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