पैठाणी: उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड एवं भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद के सहयोग से आज दिनांक 21 मार्च 2025 को राजकीय व्यावसायिक महाविद्यालय बनास, पैठाणी पौड़ी गढ़वाल के परिसर में स्थापित देवभूमि उद्यमिता विकास केंद्र में 12 -दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम के द्वितीय दिवस पर विषय विशेषज्ञों द्वारा बैक्री के बिविन्न उत्पादों को तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया।

देवभूमि उद्यमिता केंद्र के फैकल्टी मेंटर डॉ० प्रकाश फोंदणी ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम का सफल संचालन किया।

मुख्य अतिथि के रूप में स्थानीय उद्यमी नरेंद्र सिंह नेगी जी बैक्री वालो ने कहा कि यद्यपि बैक्री का कारोबार पुराना है लेकिन हमने इसको पोषण युक्त मोटे अनाजों से जोड़ा जिससे इसकी मांग निरंतर बढ़ रही है। हमारे उत्पादों में मुख्यतः मंडुवे के बिस्कुट, बंद, क्रीमरोल, पाकीजा, रस, फ्रूट केक, पेस्टी, पेटीज आदि हमने स्वयं के प्रयासों से बाजार में उतारा है जिससे हमे तथा अन्य स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिला है। हमारा प्रतिष्ठान नेगी बैक्री के नाम से प्रसिद्ध हुआ है जो कि विभिन्न स्थानों पर इन उत्पादों की पूर्ति कर रहा है।

महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. दिनेश रावत ने बताया कि हमे ईमानदारी से और अपनी क्षमतानुसार उद्यमिता को अपनाना चाहिए जिससे हम दूसरो को भी रोजगार दे सके। महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. सतवीर ने अपने जीवन की शुरुआत से लेकर वर्तमान तक की उद्यमिता यात्रा एवं अनुभव को विस्तार से छात्र-छात्राओं के समक्ष साझा किया।

महाविद्यालय में देवभूमि उद्यमिता योजना के नोडल अधिकारी डॉ. पुनीत चंद्र वर्मा ने छात्र-छात्राओं से वर्तमान समय की मांग क्या है और हम किस-किस क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं, इस विषय पर अपने विचार साझा किये। उन्होंने छात्र-छात्राओं को उद्यमिता योजना के क्षेत्र में योगदान देने वाली विभिन्न एजेंसियों की भूमिका एवं उनकी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।

महाविद्यालय में देवभूमि उद्यमिता केंद्र के फैकल्टी मेंटर डॉ० प्रकाश फोंदणी ने उद्यमिता की स्थापना के लिए मूलभूत आवश्यकताओं के बारे में छात्र-छात्राओं को महत्वपूर्ण जानकारी दी तथा कहा कि व्यवसायी की सकारात्मक सोच, कठिन परिश्रम, ईमानदारी, धैर्य, कल्पना करने की क्षमता आदि होनी चाहिए जबकि व्यवसाय के लिए उचित चयन, क्षमता, रचनात्मकता, समस्या का समाधान, कुशल नेतृत्व, संचार क्षमता, तथा लीगल लाइसेंस आदि होना चाहिए। इन्होंने छात्र-छात्राओं के मध्य कार्यक्रम को और अधिक रुचिकर बनाने के लिए साइकोमेट्रिक टेस्ट की एक्सरसाइज भी की।

उक्त कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. कल्पना रावत, डॉ. खिलाप सिंह, डॉ. उर्वशी एवं डॉ. आलोक कंडारी के साथ-साथ शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने भी विशेष सहयोग दिया।

इस उद्यमिता विकास कार्यक्रम में राजकीय व्यवसायिक महाविद्यालय पैठाणी के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ स्थानीय उद्यमियों, गणमान्य व्यक्तियों, समाज सेवको, जनप्रतिनिधियों, प्राध्यापको, ऑफिस स्टाप आदि ने बढ़-चढ़कर कर प्रतिभाग किया।

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