राजकीय महाविद्यालय नैनबाग में आज दिनांक 14 मार्च 2024 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ,,’Women Professionals: क्या खोया, क्या पाया’, विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि एवं पूर्व निदेशक प्रोफेसर सविता मोहन द्वारा दीप प्रज्वलन करके किया गया। अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर सुमिता श्रीवास्तव द्वारा गमले भेंट कर किया गया।

प्राचार्य ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि महिलाओं ने अपने करियर में बहुत कुछ पाया है, तो कुछ खोया भी है। परिवार से निकल कर सार्वजनिक रूप से कार्य करने की शुरुआत एक द्वंद से होती है, जहां परिवार और कार्यस्थल पर सामंजस्य बैठाने की आवश्यकता होती है।

उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए कहा कि महिलाओं को समाज में अपनी योग्यता, इच्छाशक्ति व दृढ़ निश्चय के आधार पर कार्य करने के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। महिलाओं को कार्य करने हेतु समता आधारित वातावरण बनाना आवश्यक है।

ज्यादा से ज्यादा महिलाओं का सार्वजनिक रूप में कार्य करना और अधिक महिलाओं को कार्य करने हेतु सुअवसर व प्रोत्साहन प्रदान करता है। उन्होंने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि पारिवारिक स्तर पर कामकाजी महिलाओं को दिये जाने वाले सपोर्ट व घरेलू जिम्मेदारियों को साझा करने में भी परिवार की सकारात्मकता में वृद्धि हुई है।

इसलिए छात्राओं के पास काफी अवसर है कि वह अपने जीवन में जो कुछ करना चाहती हैं वह हासिल करें। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं पूर्व निदेशक प्रोफेसर सविता मोहन ने अपने संबोधन में स्त्रियों के वर्तमान स्थिति पर विस्तार से व्याख्यान प्रस्तुत किया।

उन्होंने महिलाओं द्वारा सामना की जा रही विभिन्न सामाजिक बुराइयों एवं समस्याओं को रेखांकित किया। देश-विदेश में महिलाओं की सामाजिक स्थिति का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि स्त्री स्वयं क्या सोचती है और क्या चाहती है, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है, बजाए इसके कि समाज उस पर क्या थोपना चाह रहा है।

साथ ही उन्होंने छात्राओं का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि उन्हें डरने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है, वर्तमान समय उन्हीं का है वह अपने सपने को कड़ी मेहनत के द्वारा साकार कर सकती हैं। मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर राखी पंचोला, एसोसिएट प्रोफेसर राजनीति विज्ञान, राजकीय महाविद्यालय डोईवाला, ने अपने व्याख्यान में रेखांकित किया कि महिलाओं ने अपने करियर में काफी कुछ हासिल किया है, लेकिन उसकी कीमत भी चुकानी पड़ी है।

उन्होंने बताया कि स्त्रियों को अपनी विशिष्टता को कायम रखते हुए आगे बढ़ते जाना है। सार्वजनिक व घरेलू दोनों स्तर पर काम करते हुए बढ़ने वाले मानसिक तनाव को कम करना भी आवश्यक है। आमंत्रित वक्ता के रूप में उपस्थित श्रीमती शमशाद खान, प्रवक्ता, राजकीय इंटर कालेज नैनबाग, ने अपने व्यक्तिगत जीवन से संबंधित अनुभवों को साझा किया कि किस प्रकार संघर्ष करके उन्होंने अपना मुकाम हासिल किया है जो छात्राओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकता है।

उन्होंने यह भी बताया कि रोजगार करते हुए हमें परिवार के साथ-साथ स्वयं के स्वास्थ्य के संबंध में भी सतर्क रहना होगा।

दूसरे आमंत्रित वक्ता भारतीय स्टेट बैंक की शाखा प्रबंधक श्रीमती रुचि मेहता ने अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया तथा छात्रों को बताया कि किस प्रकार से उन्होंने अपने परिवार के उम्मीदों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत के बल पर अपना करियर बनाया है।

कार्यक्रम के संयोजक श्री परमानंद चौहान ने महिला करियर के संबंध में बताया कि पूर्व में महिलाओं की स्थिति अत्यंत दयनीय थी, जो मध्यकाल के बाद आधुनिक भारत में धीरे-धीरे अनुकूल होती जा रही है, जिससे महिलाएं ऊंचे पदो पर विराजमान हो रही हैं।

कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम के आयोजक सचिव डॉक्टर मधु बाला जुवांठा ने किया। उन्होंने महिलाओं के करियर, जीवन में आने वाली विभिन्न समस्याओं तथा कार्य स्थल पर उत्पन्न होने वाले विभिन्न बाधाओं को रेखांकित किया तथा बताया कि भविष्य में यह सभी समस्याएं दूर हो जाएंगीं और हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर पाएंगे।

कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमिता श्रीवास्तव द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के दौरान विभागीय परिषद के प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार वितरित किया गया।

अंत में महाविद्यालय की प्राचार्य द्वारा सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।कार्यक्रम में डॉक्टर ब्रिश कुमार, डॉक्टर संदीप कुमार, डॉक्टर दिनेश चंद, डॉक्टर चतर सिंह, श्री महीपाल राणा, श्री विमल रमोला, श्री विनोद सिंह, श्री दिनेश सिंह श्री भुवन चंद, श्री सुशील चंद्र, श्री अनिल सिंह श्री रोशन सिंह रावत, श्रीमती रीना, श्री मोहनलाल, तथा भारी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।