नवल टाइम्स न्यूज़: उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) देहरादून के द्वारा एवं विकास एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय द्वारा पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश में रिसर्च मेथाडोलॉजी पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ ।

इस कार्यशाला में विभिन्न स्थानों से आए विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों के साथ चर्चा की गई। इस कार्यशाला में विभिन्न कॉलेज से आये 70 रिसर्च स्कॉलर ने प्रतिभाग किया । सभी स्कॉलर ने रिसर्च एथिक्स, पेपर पब्लिकेशन, हाउ तो राइट गुड रिसर्च एवं रिसर्च से जुडी विभिन्न जानकारी ग्रहण कीकी।

आयोजित कार्यशाला में मुख्य वक्ता की भूमिका डॉ अजय सेमल्टी, डॉ लोकेश अधिकारी, प्रो रजत अग्रवाल, प्रो पी के चौधरी, प्रो मांगेराम, प्रो वी के गर्ग आदि ने व्याख्यान दिया।

डॉ. अजय सेमल्टी, पाठ्यक्रम समन्वयक, अकादमिक लेखन (स्वयं एमओओसी), एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा स्वास्थ्य अकादमिक अनुसंधान प्रथाएं और साहित्यिक चोरी, रिपोर्ट/पेपर लेखन के लिए उपकरण व थीसिस लेखन और सम्मेलनों में पत्र प्रस्तुत करना आदि विषयों पर चर्चा की गयी।

डॉ लोकेश अधिकारी, विशेषज्ञ, अकादमिक लेखन (स्वयं मूक), एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा शोध आलेख लेखन का व्यावहारिक ज्ञान व उपकरण सम्बंधित प्रशिक्षण दिया गया।

प्रो रजत अग्रवाल, आई.आई.टी. रुड़की द्वारा शोधकर्ताओं की अनुसन्धान यात्रा पर चर्चा की गयी व उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए नव परिवर्तन महत्वपूर्ण कुंजी है उन्होंने शोधार्थियों को शोध पत्र लेखन की अनेकों विधियां बताइ व उसकी बारीकियों पर ज्ञान साझा किया।

प्रो. मांगे राम, ग्राफिक एरा (मानित विश्वविद्यालय) द्वारा अनुसंधान, शोध लेखन के लिए साहित्य प्रबंधन उपकरण, लेखन, अनुसंधान नैतिकता और प्रकाशन के अवसर, रिसर्च एथिक्स- साहित्यिक चोरी, धोखाधड़ी और डुप्लिकेट प्रकाशन, कॉपीराइट का उल्लंघन, लेखकत्व, इंडेक्सिंग- वेब ऑफ साइंस एंड स्कोपस, इम्पैक्ट फैक्टर पर चर्चा की गयी।

प्रो वी के गर्ग, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा अनुसंधान को समाज और पर्यावरण से जोड़ना व व्यावहारिक दृष्टिकोण पर विस्तृत चर्चा की गयी।

डॉ पीके चौधरी निदेशक जी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी द्वारा अनुकरण अनुसंधान को निष्कर्ष निकालने और मान्य करने के लिए एक उल्लेखनीय दृष्टिकोण पर विस्तृत व्याख्यान दिया गया।

समापन समारोह के अवसर पर पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के निदेशक प्रो एम एस रावत ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यशाला रही जिसमें तीन दिवसों तक शोध संबंधित बारीकियों का ज्ञान अर्जन किया, उत्तराखंड सरकार भी शोध को बढ़ावा दे रही है ।

सभी शोधार्थियों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया वह उनके भविष्य में काम आएगा।

कार्यक्रम संयोजक व विकास एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो गुलशन कुमार ढींगरा ने यूसर्क का धन्यवाद ज्ञापन किया व सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रेषित की, उन्होंने इस कार्यशाला को शोधार्थियों के लिए अत्यन्त लाभदायक बताया इससे उनको Ph D के दौरान आने वाले रूकावटो से निजात मिलेगी।

यूसर्क की निदेशक प्रो अनीता रावत व वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ ओम प्रकाश नौटियाल ने सभी प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक प्रतिभाग करने के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की और भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यशाला से लाभ लेने के लिए प्रेरित किया।

इस कार्यशाला के आयोजन में डॉ शालिनी कोटियाल, सफिया हसन, देवेन्द्र भट्ट, अर्जुन पालीवाल, पवन कुमार. श्रवण दास, कमल कुमार, चन्द्रशेखर, विवेक राजभर, सतेन्द्र, कमलेश, नवीन कुमार द्वारा विशेष योगदान दिया।