नवल टाइम्स न्यूज़,हरिद्वार, 25 नवम्बर: पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ उक्रांद नेता दिवाकर भट्ट ने कहा कि यूकेडी ने पहले राज्य गठन की लड़ाई लड़ी और अब राज्य को बचाने के लिए लड़ाई लड़ेगी।

शीघ्र ही यूकेडी गांवों से जारी पलायन को रोकने तथा गांवों में चिकित्सा, शिक्षा ओर रोजगार आदि मूलभूत सुविधाओं के लिए ग्रामीणों के साथ मिलकर संघर्ष करेगी।

प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए दिवाकर भट्ट ने कहा कि रोजगार पर पहला अधिकार राज्य के लोगों का हैं। बाहर के लोगों को राज्य में तब तक रोजगार नहीं देना चाहिए। जब तक स्थानीय लोगों को पूरी तरह से रोजगार ना मिल जाये।

भट्ट ने कहा कि उत्तराखण्ड के गांवों को बचाने के लिए सबसे पहले पलायन को रोकना होगा। पलायन को रोकने के लिए एक बार फिर यूकेडी सड़कों पर उतरेगी साथ ही आगामी लोक सभा चुनावों में इस मुद्दे को पार्टी पूरी ताकत के साथ उठाएगी।

उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी हरिद्वार लोक सभा सीट से चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे है। उत्तराखण्ड की सबसे बड़ी सम्पदा जल व वन है। यदि जल का सदुपयोग किया जाये तो राज्य सम्पन्न हो सकता है। लेकिन आज भी यहां की बिजली महंगी दरों पर आम लोगों को दी जा रही है। राज्य गठन के बाद प्रदेश की जनता को क्या मिला। इस पर अब चिंतन करना जरुरी है।

उन्होंने कहा कि पार्टी की सबसे बड़ी कमजोरी यही रही कि हम गांव से उतरकर सड़क पर आ गये। अब पार्टी को दोबारा से मजबूत करने के लिए गांव की ओर रुख करना होगा।

पत्रकारवार्ता के दौरान जिलाध्यक्ष बलवंत सिंह सैनी, चैधरी ब्रजवीर, सुमित अरोड़ा, सुरेन्द्र सिंह, सरीता पुरोहित, रविन्द्र वशिष्ठ, हेमलता जोशी, राजकुमार चैहान, संजय, प्रदीप, कमल राणा, गोकुल राम आदि मौजूद रहे।