उत्तराखंड। प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए आगामी बिजली बिल में 81 पैसे प्रति यूनिट तक की छूट देने का निर्णय लिया है।

यह राहत फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (एफपीपीसीए) के तहत दी जा रही है।यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि इस बार एफपीपीसीए के अंतर्गत बिजली की खरीद लागत कम रही, जिसके चलते उपभोक्ताओं को कुल 112 करोड़ रुपये की राहत दी जा रही है। इसका सीधा लाभ आम उपभोक्ताओं को उनके अगले बिजली बिल में मिलेगा।

एफपीपीसीए प्रणाली के तहत बाजार से बिजली की खरीद पर होने वाली वास्तविक लागत के अनुसार दरों में बढ़ोतरी या छूट दी जाती है। यदि नियामक आयोग द्वारा तय दरों से कम कीमत पर बिजली खरीदी जाती है, तो उपभोक्ताओं को राहत मिलती है। वहीं, अधिक कीमत पर खरीद होने पर अतिरिक्त राशि वसूली जाती है।

गौरतलब है कि मई माह में भी यूपीसीएल ने उपभोक्ताओं को 89 पैसे प्रति यूनिट तक की छूट दी थी। लगातार दूसरी बार मिल रही इस राहत से लाखों घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को आर्थिक फायदा मिलेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले महीनों में भी बिजली खरीद लागत स्थिर रही तो उपभोक्ताओं को और राहत मिल सकती है।

क्या है एफपीपीसीए (FPPCA) और क्यों मिल रही है छूट?उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) हर महीने बिजली बाजार से बिजली खरीदता है। इस पर जो खर्च आता है, उसी के आधार पर उपभोक्ताओं से वसूली की जाती है। यदि बाजार से बिजली नियामक आयोग द्वारा तय दरों से सस्ती मिलती है, तो FPPCA (Fuel and Power Purchase Cost Adjustment) के अंतर्गत उपभोक्ताओं को उसी अनुपात में राहत दी जाती है।

इस बार यूपीसीएल को अपेक्षाकृत सस्ती दर पर बिजली मिली, जिसके चलते 112 करोड़ रुपये का लाभ उपभोक्ताओं में वापस लौटाया जाएगा। इसका असर अगले महीने के बिजली बिलों में देखा जाएगा।

यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार के मुताबिक, हर उपभोक्ता को 81 पैसे प्रति यूनिट तक की छूट मिलेगी। यानी अगर किसी उपभोक्ता का मासिक खपत 200 यूनिट है, तो लगभग ₹162 की सीधी बचत होगी।इस छूट का फायदा सभी घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को मिलेगा। मई 2025 में भी उपभोक्ताओं को 89 पैसे प्रति यूनिट तक की छूट दी गई थी। यह लगातार दूसरी बार है जब यूपीसीएल ने एफपीपीसीए के तहत राहत दी है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में बिजली खरीद की लागत स्थिर रही तो छूट का सिलसिला जारी रह सकता है।

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