राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा में आज दिनांक 05.03.2024 को नवाचार एवं कौशल विकास प्रकोष्ठ के तत्वावधान में साक्षात्कार तकनीक विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया गया।

प्रथम सत्र में कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो0 सीमा चौहान ने छात्राओं को सकारात्मक सोच के साथ ज्ञानार्जन करने की प्रेरणा देते हुए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में साक्षात्कार के दौरान आत्मविशावास के महत्व के बारे में बताया।

प्राचार्य ने विगत वर्षो में साक्षात्कार लेने व देने के तौर तरीकों पर भी प्रकाश डाला और नियमित अध्ययन व समाचार पत्र पठन को अद्यतन रहने का मूलमन्त्र बताया।

एडबिस ओटोमेशन प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी के निदेशक श्री पवन सोनी ने मुख्य वक्ता के रूप में छात्राओं को उन सभी ध्यान देने योग्य बिन्दुओ के बारे में बताया जिससे कि बडी से बडी कम्पनी के साक्षात्कार में सफलता पाई जा सकती है। लक्ष्य, जुनून, आत्मविश्वास व सतत अभ्यास से व्यक्ति सफलता की सीढी निर्बाध रूप से चढ सकता है।

साक्षात्कार के समय प्रथम प्रश्न का उत्तर आत्मविश्वास पूर्वक देने से एक अच्छी शुरूआत की जा सकती है। अपने विषय का निरन्तर अभ्यास करना और प्रतिदिन कुछ नया सिखना व्यक्ति के अंदर नए गुणो का विकास करता है।

वेशभूषा, प्रस्तुतीकरण का तरीका, सारगर्भित भाषा का प्रयोग तथा विनम्रता रखना भी साक्षात्कार में महत्व रखते है। अलग अलग स्थान पर नौकरी के लिए आवेदन करते समय अलग अलग रेज्यूमे बनाने चाहिए क्योकि हर नौकरी के लिए अलग प्रकार की योग्यता की आवश्यकता होती है।

श्री पवन सोनी जी ने रेज्यूमें तथा सी.वी. में अंतर बताते हुए इन्हे तैयार करने का प्रशिक्षण भी छात्राओं को दिया। आपने साक्षात्कार के लिए महत्वपूर्ण बाते बताई जैसे अपना परिचय संक्षिप्त में दे।

शैक्षणिक योग्यताऐं एवं कौशल के बारे में बताएं अपना अनुभव एवं जाॅब की आवश्यकता के बारे में बताएं आपने कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु भी बताये जिन्हे साक्षात्कार के समय ध्यान रखना चाहिए जैसे अतिआत्मविशवास से बचना, विश्वसनीय सूचना देना, सम्प्रेषण कौशल तथा अद्यतन जानकारी रखना।

कार्यशाला के द्वितीय सत्र में नवाचार एवं कौशल विकास प्रकोष्ठ प्रो0 प्रभारी सुनीता शर्मा ने कार्यशाला की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए सभी छात्राओं विशेषकर स्नातकोत्तर कर रही छात्राओं को प्रेरित किया कि वे इस कार्यशाला मे आवश्यक रूप से भाग लें एवं स्व-मूल्यांकन कर आवश्यक सुधार लाऐं जिससे भविष्य में सफलता सुनिश्चित कि जा सके।

भाषा की सीमितता साक्षात्कार मे बाधा ना बने इसके लिए भाषा में दक्षता हासिंल करें। शाब्दिक प्रस्तुतिकरण के समान ही शारिरिक भाषा यथा बैठने कि मुद्रा, चेहरे पर आने वाले भाव, आँखों की गति, आदि पर भी आवश्यक ध्यान दिया जाना चाहिए, स्व कौशल को विकसित कर अच्छा साक्षात्कार दिया जा सकता है।

प्रो0 सुनीता शर्मा ने बताया कि महाविद्यालय का एडबिस ओटोमेशन प्राईवेट लिमिटेड के साथ दो वर्ष का टाईअप हुआ है जिसके अंतर्गत इस कम्पनी द्वारा निरन्तर इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहेंगें। कार्यशाला में अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डाॅ मीरा गुप्ता, प्रो0 मनीषा शर्मा, प्रो0 बिन्दु चतुर्वेदी, डाॅ धर्म सिंह मीणा ने भी सहयोग किया। संचालन डाॅ ज्योति सिडाना द्वारा किया गया।

धन्यवाद ज्ञापन प्रो0 श्रुति अग्रवाल द्वारा किया गया।

कार्यशाला में एडबिस ओटोमेशन प्राईवेट लिमिटेड से प्रणिका विजयवर्गीय, दीपक सिंह तथा अहाना शर्मा ने सहयोग किया तथा सहायक लिखित सामाग्री छात्राओ को वितरित की।