काबुल:  तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होते ही पत्रकारों पर जुल्म करना शुरू कर दिया है। स्थानीय चैनल टोलो न्यूज के अनुसार, काबुल के दैनिक अखबार एतिलातरोज के लिए काम करने वाले पांच पत्रकारों को बुधवार को गिरफ्तार किया गया है। ये गिरफ्तारी तालिबान ने की है। हालांकि अभी मामले में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है कि इस कार्रवाई के पीछे की असल वजह क्या है।  हालांकि तालिबान लगातार मीडिया संगठनों के प्रति सख्ती दिखा रहा है।

तालिबान ने साफ तौर पर कहा है कि अफगान मीडिया पहले की तरह काम कर सकता है लेकिन साथ ही मीडिया को कुछ चेतावनी भी दी है। तालिबानी प्रवक्ता ने कहा है कि मीडिया को आलोचना करने की अनुमति है लेकिन वह किसी का चरित्र हनन नहीं कर सकता। दुनिया के सामने खुद को बदला हुआ दिखाने और महिलाओं के प्रति नरम रुख का नाटक करते हुए तालिबान के एक नेता ने हाल ही में महिला पत्रकार को इंटरव्यू भी दिया था। लेकिन कई अफगान और मीडिया संगठन तालिबान पर विश्वास करने को तैयार नहीं हैं।
तालिबान ने इन 20 वर्षों के दौरान बहुत से पत्रकारों को डराया और धमकाया है। उसने 1996-2001 के शासन के दौरान भी टीवी और ज्यादातर मनोरंजन से जुड़ी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। तब वहां जानकारी देने के लिए कोई मीडिया नहीं था। जिस महिला ने तालिबानी नेता का इंटरव्यू लिया था, उसने बाद में द एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि जब उसने उसे स्टूडियो में प्रवेश करते देखा तो वह घबरा गई, लेकिन उसके व्यवहार और सवालों के जवाब देने से उसे थोड़ा आराम मिला। हालांकि यही महिला पत्रकार बाद में देश छोड़कर भाग गई।

तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल में प्रवेश कर देश पर कब्जा कर लिया था, इसी दिन अफगान सरकार गिर गई।  मंगलवार को ही इस संगठन ने हक्कानी नेटवर्क के साथ मिलकर बनाई गई अंतरिम सरकार का ऐलान किया है। इसमें उच्च पदों पर मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों को बिठाया गया है। तालिबान की जीत ने स्वतंत्र अफगानिस्तान को कई तरह की मुश्किलों में डाल दिया है।  वॉचडॉग विदआउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) का कहना है कि करीब 100 निजी मीडिया आउटलेट्स ने परिचालन निलंबित कर दिया गया है।