• सोसल मीडिया से विश्वव्यापी बनाएंगे कोटा महानगर,हिंदू नववर्ष शोभायात्रा, मंगल कलश यात्रा और स्वदेशी मेला आयोजनों को

कोटा 20 मार्च । नववर्ष उत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष गोविन्द नारायण अग्रवाल एवं महामंत्री छगन माहुर नें बताया है कि “ प्रकृति प्रदत्त, ईश्वरीय हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2082 रविवार को चैत्र शुक्ल एकम् अर्थात वर्ष प्रतिपदा से प्रारम्भ हो रहा है। नववर्ष के निमित्त 28 मार्च को स्वदेशी मेला, 30 मार्च को हिन्दू नववर्ष शोभायात्रा, पवित्र मंगल कलश सहित हिन्दू धर्मसभा के आयोजन हो रहे हैँ।

उन्होंने कहा कि पूरे ” महानगर में उत्साह और उमंग का वातावरण है, छोटी बड़ी बैठकों का क्रम जारी है। सभी 12 नगरों की छोटी एवं बड़ी बैठकें हो चुकी हैँ। नगरों में बस्तीयों में स्थानीय स्तर पर बैठकें हो रहीं हैँ। महिलाओं की मंगल कलश हेतु रसीद काट कर पंजीयन किया जा रहा है। युवाओं की शस्त्र वाहनी का सूचिकरण किया जा रहा है। सूचना पत्रकों का वितरण हो रहा है, डोर टू डोर संपर्क किया जारहा है। अलग अलग विषयवार निरंतर बैठकें और व्यवस्थाओं की समीक्षा की जा रही है।

समिति के मीडिया प्रभारी अरविन्द सिसोदिया नें बताया कि ” जहां मंगल कलश यात्रा में सम्मिलित होने के लिए मातृशक्ति में भारी उत्साह है वहीं हिंदू नवसंवत, हिंदू महीनेँ, ग्रह – नक्षत्र एवं ऐतिहासिक घटनाक्रमों को जानने समझनें क़ी भी उत्सुकता समाज एवं नई पीढ़ी में देखने को मिल रही है।

उन्होनें कहा है कि “ आधुनिक युग में सोसाल मीडिया एक सशक्त माध्यम है इसके द्वारा भी समिति अपने नवसंवत के स्वागत एवं शुभकामनाओं का सम्प्रेषण करें, इस हेतु एसएमएस , वाट्सएप , फेसबुक , एक्स अर्थात टिविटर , इंस्ट्राग्राम,ब्लॉग और यूट्यूब आदी सोसल मीडिया प्लेटफार्मों पर विविध स्वरूपों में अपने नवसंवत का अभिनंदन एवं शुभकामनाएं प्रेषित करने की व्यवस्था की गईं है ।

समिति नें बताया कि ” सोसल मीडिया प्लेटफार्मों पर नववर्ष से जुड़े कार्यक्रमों क़ी जानकारी देनें हेतु ” हिन्दू नववर्ष आयोजन समिति, कोटा महानगर ” नाम से पेज बनाया है जिसे सभी हिन्दुजन को लाइक करना चाहिए। इसी प्रकार से नववर्ष शोभायात्रा, मंगल कलश एवं नववर्ष स्वदेशी मेला आयोजनों सहित सभी 12 नगरों के वाट्सएप ग्रुप्स भी बनाये गये हैँ। हिन्दू नववर्ष के स्वागत अभिनन्दन के मधुर व ओजस्वी गीतों से युक्त वीडियो व रीलें समिति नें भी बनाई हैँ। जिनके माध्यम से कार्यक्रमों का पर्याप्त प्रचार प्रसार किया जा रहा है।

समिति नें आग्रह किया है कि जो भी हिन्दुजन सोसल मीडिया पर हैँ वे अपने नववर्ष से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों को अधिकतम सोसल मीडिया पर संप्रेषित करें।

समिति द्वारा हिन्दू नववर्ष से जुडी सामग्री, भगवा पताकायें, कर पत्रक, स्टिकर, बैनर, होर्डिंग क़ी भी व्यवस्था क़ी जारही है। वहीं मंगल कलश, भगवा साफा, दुपट्टा आदि सशुल्क सामग्री भी उपलब्ध रहेगी।

हिंदू नववर्ष को उत्सव की तरह मनाएँ

समिति नें कहा है कि “ यह अपने-अपने घरों में भी नवसंवत के प्रथम सूर्य को जल अर्पण करके, धरों पर भगवा पताकायें लगा कर,बैनर – फलैक्स के माध्यम से स्वागत करना चाहिए। घर के दरवाजे पर रंगोली सजा कर, दीपक जला कर देव आगमन को अभिनंदनीय बना सकते हैं। घर में भी शंखनाद, पूजन हवन आरती इत्यादी के माध्यम से अपनी स्तुति , भावनाओं एवं आस्था को पूर्ण कर सकते हैं।

समिति की जारी विज्ञप्ति ने बताया है कि “ चैत्र शुक्ल एकम् अर्थात वर्ष प्रतिपदा अत्यंत महत्व की तिथि है इसी दिन ब्रम्हाजी ने सृष्टि की रचना की थी तथा प्रथम सूर्योदय इसी तिथि को हुआ था। शक्ति की अवतारी नौदुर्गाओं की घटस्थापना इसी तिथि से प्रारम्भ होती है। भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार,भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक, धर्मराज युधिष्ठर का राजतिलक, भगवान वरूण देव झूलेलाल का जन्म,महर्षि गौतम का जन्म, महर्षि दयानन्द सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना भी इसी तिथि को की थी। विश्व के सबसे बडे पवित्र स्वंयसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के संस्थापक परमपूज्य डाॅ0 केशव बलीराम हेड़गेवार जी का जन्मदिवस तिथि के अनुसार यही है।

समिति की ओर से बताया है कि “ सभी हिन्दू संवतसर चैत्र शुक्ला एकम् वर्ष प्रतिपदा से ही प्रारम्भ होते हैं। हमारा संवत हमारी संस्कृति के शोर्य का प्रतीक भी है। सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन शक विजय के उपरांत विक्रम संवत् की स्थापना की थी, इसी तिथि से शालिवाहन शक संवत पुनः शकों पर विजय के उपलक्ष में मगाया जाता है। युधिष्ठर संवत् , कलिसवंत आदि की गणना भी इसी दिन से होती है। भारत के सम्पूर्ण ग्रामीण परिवेश में कृषि के नये काम और नये व्यवसायों को भी इसीदिन से प्रारम्भ करने की परम्परा है।

समिति की और से बताया है कि “ प्रकृतिक दृष्टि से भी हमारा हिन्दू संवतसर नैचुरल है, पृथ्वी के मौसम से लेकर आकाशीय गणना तक हमारी कालगणना विज्ञान सम्मत, सटीक व शुद्ध है। यह शुभ तिथि हमारी संस्कृति के गौरव का स्मरण करवाती है। इसलिये सभी भारतीयों को अपने संवत को उल्लास, उत्साह एवं अपनत्व से परिवार सहित मनाये जानें का आग्रह किया है।

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