विश्व प्रसन्नता दिवस पर संगीत संस्कृति सेवी तबला वादक देवेंद्र कुमार सक्सेना का लेख
भारत की देव संस्कृति, कला, संस्कृति हजारों वर्षों से विश्व मानवता के लिए विभिन्न पर्व त्योहारों उत्सव के माध्यम से पूरे वर्ष भारत में और प्रवासी भारतीयों के माध्यम से विश्व के विभिन्न देशों में हर्षोल्लास सुख, शांति का वातावरण निर्मित करती है ।
19 मार्च 2022 को देव संस्कृति विश्व विद्यालय के में विश्व शांति के युवा अग्रदूत डॉ० चिन्मय पण्डया प्रति कुलपति देव संस्कृति विश्व विद्यालय के प्रयासों से “दक्षिण एशियाई देशों के बीच शांति और सुलह के लिए संस्थान” का उद्घाटन भारत के उप राष्ट्रपति माननीय वेंकैया नायडू, राज्यपाल श्री गुर मीत सिंह द्वारा किया गया था।
उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में हर साल 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को 2013 में मनाना शुरू किया था, लेकिन इसके लिए प्रस्ताव 12 जुलाई 2012 को पारित किया गया था। संकल्प की शुरुआत दक्षिण एशियाई देश भूटान ने की थी जिसने भारत वर्ष की तरह राष्ट्रीय खुशी के महत्व पर प्रकाश डाला।
प्रसन्नता दिवस 2022 की थीम : शांत रहो, समझदार रहो और दयालु रहो है । हर संभव स्थिति में शांत रहना ही खुशी और संतुष्टि की कुंजी है। कठिन परिस्थितियों में भी बुद्धिमान बने रहने से ही समझदारी भरे कदम और सफलता मिलती है।
दूसरों की जरूरतों, गलतियों और त्रुटियों के प्रति दयालु होने से उन्हें बढ़ने में मदद मिलेगी और उन्हें बेहतर महसूस होगा।आज अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में अशांति और निराशा युद्धोउन्माद का वातावरण बना हुआ है।
आइए आज अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस के अवसर पर हम खुद को और अपने आस पास के वातावरण को प्रसन्न रखने का प्रयास करते रहेंगे। मैं शुभ कामनाएँ करता हूँ कि आप जीवन भर प्रसन्न रहे और विश्व को प्रसन्न बनाए।
प्रसन्नता के दो आधार।
सादा जीवन उच्च विचार।।
हमेशा मुस्कुराते रहो 😄😄
लेखक देवेंद्र कुमार सक्सेना राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा में संगीत विभाग में तबला वादक के पद पर कार्यरत हैं आप समाजसेवी व संस्कृति सेवी हैं।