गले का संक्रमण :  बरसात के मौसम में गले में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं, बरसात में हवा में नमी होने के चलते बैक्टीरिया बहुत जल्दी पनपते हैं। ऐसे में गले में संक्रमण होना एक आम है।

मौसम के बदलाव के कारण बराबर लोगों को सर्दी, जुकाम एवं गले में दर्द या संक्रमण हो जाता है। बदलते मौसम में उचित देखभाल ना करने पर व्यक्ति आसानी से इन रोगों की चपेट में आ जाता है।

जब भी गले में संक्रमण होता है तो गले में दर्द एवं खराश के कारण व्यक्ति को कुछ भी निगलने में कठिनाई होती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान मौसम में आद्रता यानी ह्यूमिडिटी ज्यादा होती है और इस मौसम में बैक्टीरिया जल्दी और ज्यादा पनपते हैं। ऐसे में फ्लू के साथ साथ गले का संक्रमण जल्दी होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। चलिए जानते हैं कि बरसात के मौसम में गले के संक्रमण से कैसे राहत पाई जा सकती है।

गले के संक्रमण के लक्षण (Throat Infection Symptoms)

  • गले में दर्द और खराश।
  • निगलने में दर्द एवं कठिनाई होना।
  • टॉन्सिल में सूजन और दर्द।
  • आवाज में कर्कशता।
  • बुखार और खाँसी भी हो सकते हैं।
  • गले का लगातार सूखना।
  • जबड़े तथा गर्दन में दर्द।
  • सिर में दर्द।

गले में इंफेक्शन (संक्रमण) के कारण

सर्दी और वायरल संक्रमण:
सर्दी-जुकाम और वायरल संक्रमण गले में इंफेक्शन का कारण हो सकते हैं। इसके कारण आपको गले में खराश, दर्द, सूखापन, सूजन और बुखार की समस्या हो सकती है।

बैक्टीरियल संक्रमण:
गले में इंफेक्शन के मुख्य कारणों में गले में बैक्टीरियल संक्रमण होना शामिल है। बैक्टीरियल संक्रमण के कारण स्ट्रेप थ्रोट की समस्या पैदा होती है जिसके कारण गले और टॉन्सिल में संक्रमण हो सकता है।

एलर्जी:
एलर्जी के कारण भी गले में इंफेक्शन की शिकायत हो सकती है। एलर्जी, प्रदूषण, पालतू जानवर, किसी प्रकार की खुशबू/बदबू, कमजोर इम्यून सिस्टम या दूसरे अन्य कारणों से हो सकती है।

प्रदूषण:
गंदगी और प्रदुषण बढ़ने के कारण कई तरह की समस्याएं हो रही हैं, गले में इंफेक्शन होना भी उनमें से एक है। सिगरेट का सेवन करने या धुंवा के संपर्क में आने से आपके गले में इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।

गले में इंफेक्शन (संक्रमण) का घरेलू उपचार

गले में इंफेक्शन का घरेलू उपचार संभव है।

लहसुन:  लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो गले के संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं। लहसुन की कली को दांतों के नीचे रखकर उसे चूसें।

हल्दी: हल्दी के एक नहीं बल्कि एक हजार फायदे हैं। गले में इंफेक्शन होने पर एक गिलास दूध में एक या आधा चम्मच हल्दी मिलाकर उसका सेवन करें।

अदरक: अदरक में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो गले के इंफेक्शन को दूर करने में मदद करते हैं। आप अदरक का सेवन गुनगुने पानी और चाय के साथ कर सकते हैं।

अदरक सौंठ पाउडर: आपके घर में सूखी अदरक यानी सौंठ का पाउडर है तो आप दो कप पानी में सौंठ पाउडर डालकर इसका सेवन करें। इससे आपके गले का संक्रमण जल्दी ठीक हो जाएगा।

मुलेठी: मुलेठी की छोटी सी एक गांठ को कुछ देर तक मुंह में रखकर चबाएं। इससे गले में दर्द और सूजन से राहत मिलती है।

मुनक्का: रोजाना सुबह में 4-6 मुनक्का चबाकर खाएं। इससे गले में संक्रमण से राहत मिलती है।

सेब का सिरका: हल्का गर्म पानी में 2 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर उसका सेवन करने से गले में इंफेक्शन से छुटकारा मिलता है। साथ ही, आप एक कप हल्का गर्म पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर उससे गरारे कर सकते हैं।

अंजीर: एक गिलास पानी में 4-5 अंजीर अच्छी तरह उबालें। जब पानी आधा हो जाए तो उसे छानकर रख लें और ठंडा होने के बाद पिएं।

तुलसी: एक गिलास पानी में 3-4 तुलसी की पत्तियां और 2-3 काली मिर्च मिलाकर काढ़ा बनाएं और उसका सेवन करें।

शहद: शहद भी गले के इंफेक्शन में बहुत फायदेमंद होता है। हल्का गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर उसका सेवन करें। बता दें कि शहद बैक्टीरिया को खत्म करता है और गर्म पानी की मदद से सूजन में राहत मिलती है।

नमक: हल्का गर्म पानी में नमक डालकर उसका सेवन और उससे गरारा करने पर गले में इंफ्केशन में आराम मिलता है।

भाप लें: गर्म पानी का भाप लेने पर गले में इन्फेक्शन के लक्षणों में सुधार होता है। साथ ही, गले की कर्कश, खांसी और सर्दी में भी राहत मिलती है।

नींबू पानी: एक गिलास पानी में नींबू का रस डालकर उसका सेवन करने से गले में इन्फेक्शन के लक्षणों में आराम मिलता है। साथ ही, नींबू की चाय का सेवन भी कर सकते हैं।

काली मिर्च: काली मिर्च में कुछ औषधीय गुण पाए जाते हैं जो गले में इन्फेक्शन से राहत दिलां में मददगार साबित होते हैं।