नवल टाइम्स न्यूज़, हल्द्वानी ब्यूरो, 9 फरवरी 2024:  हल्द्वानी में गुरुवार को हुई कार्रवाई पर शुक्रवार सुबह डीएम वंदना सिंह ने हल्द्वानी के नगर निगम कार्यालय में पत्रकार वार्ता की।

इस दौरान उन्होंने बताया कि बिना उकसावे की कार्रवाई के अधिकारियों को थाने में जिंदा जलाने की कोशिश की गयी। अभी हल्द्वानी में स्थितियां नियंत्रण में हैं। शहर में 1100 पुलिस कर्मी तैनात हैं।

कर्फ्यू अगले आदेश तक जारी है। यह घटना कानून एवं राज्य को चुनौती थी, हमला था। एसएसपी ने कहा कि 4 उपद्रवी उनके कब्जे में हैं। ढाई घंटे के भीतर पूरे मामले को नियंत्रित कर लिया गया।

डीएम वंदना सिंह ने बताया, पहले से लगातार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही थी। कई दुकानें भी हटाईं। लेकिन तब कोई विरोध नहीं हुआ। इस मामले में उच्च न्यायालय जाने का भी समय दिया गया। वहां से भी कोई राहत नहीं मिलने के बाद कार्रवाई हुई।

प्रशासन की कार्रवाई में किसी का घर नहीं टूटा, कोई बेघर नहीं हुआ। वहां कोई धार्मिक स्थल नहीं था। नजूल भूमि पर अतिक्रमण था।

भीड़ उसे बचाने की कोशिश नहीं कर रही था बल्कि प्रशासनिक मशीनरी पर हमला करने की कोशिश थी। कोई कम्युनल विरोध नहीं था। राज्य व कानून को चुनौती देने का प्रयास था। हल्द्वानी की कानून व शासन व्यवस्था को बनाये रखना उनकी प्राथमिकता है।

डीएम ने यह भी बताया कि यह एक सुनियोजित हमला था। 30 जनवरी को वहां घरों की छतों पर पत्थर नहीं थे। आधे घंटे के भीतर नगर निगम की टीम पर बिना उकसावे के पथराव किया गया। उन्हें शांत किया तो दूसरी भीड़ ने पेट्रोल बमों से हमला किया।

इस पर उपद्रवियों को बल प्रयोग की चेतावनी दी गयी व आग बुझाने को पानी की बौछार की। इसके बाद भी भीड़ नहीं हटी बल्कि थाने पर हथियारों से हमला किया गया। अधिकारियों की सुरक्षा के लिये, खुद को बचाने के लिये कमर से नीचे गोली मारने के आदेश दिये गये।

पुलिस ने काफी धैर्य बरता। हल्द्वानी के वनभूलपुरा को छोड़कर अन्यत्र कोई घटना न घटित हो, । अन्य क्षेत्रों में कोई प्रतिक्रियात्मक घटना नहीं की। उकसावे में नहीं आई। इसके लिये जनता का धन्यवाद दिया। डीएम ने कहा कि जितना समय दिया जाता, उतना और जनहानि की संभावना बढ़ती।

यह भी कहा कि यह इंटेलीजेंसी फेलर नहीं था। अतिक्रमण हटाने की पूरी तैयारी थी। किसी युद्ध की तैयारी नहीं थी। 2-ढाई घंटे में सब कुछ नियंत्रित किया गया।

थाने में अधिकारी फंस गये थे। उनकी रक्षा के लिये ही अतिरिक्त बलों की जरूरत पड़ी।

इसकी भी तैयारी की गयी थी। यह भी कहा कि पुलिस कर्मचारियों से सीधे उपद्रवियों का आमने सामने मुकाबले नहीं हुआ।

बताया कि इस घटना में 2 लोगों की मृत्य हुई है। जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए है। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया, अभी हल्द्वानी में 1100 पुलिस कर्मचारी तैनात हैं। जांच की जा रही है कि मौत किसी हथियार से हुई। 4 उपद्रवी कब्जे में हैं।

15-20 लोग भड़काने वाले के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। इनसे वसूली की जाएगी। उदाहरण प्रस्तुत किया जाएगा कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति फिर न हो।

वहीं अब तक मिली जानकारी के अनुसार, पुलिसकर्मी और प्रशासन के अलावा घटना में घायल लोगों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के मुताबिक, स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में है।

डीआईजी ने कहा, ‘हमारे पास इस पूरे घटनाक्रम की अलग अलग फुटेज है, इस घटना के पीछे जो भी उपद्रवी तत्व हैं, उनको चिन्हित किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जानिए क्या है घटना के पीछे का कारण

उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके के लिए पिछले साल रेलवे की भूमि पर बसी 50 हजार की आबादी वाली बस्ती को खाली कराने का हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया था। हाई कोर्ट में मस्जिद ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका दायर की गई थी।

कोर्ट ने किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया था। इसी बीच मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और वर्तमान में विचाराधीन है। मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन से पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। हाई कोर्ट में मस्जिद ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका दायर की गई थी।

हाईकोर्ट की तरफ से मस्जिद पक्ष को कोई राहत नहीं मिलने पर मस्जिद मदरसे पर नगर निगम की ओर से अतिक्रमण हटानें की कार्रवाई शुरू हुई। इस बीच नगर निगम और पुलिस की टीम पर आसपास के घरों से जमकर पथराव हुआ। इसके बाद पूरे इलाकों में बवाल हो गया।

 

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