राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता रायपुर देहरादून की नमामि गंगे प्रकोष्ठ एबं भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के संयुक्त तत्वाधान मे दो दिवसीय 22/ 05 /2023 एवं 23/05/2023 को प्रशिक्षण कार्यशाला: “जैव विविधता एवं आद्रभूमि संरक्षण” विषय रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ में सभी अतिथियों को प्राचार्य, डॉ वंदना शर्मा, डॉ कविता काला एवं डॉ सुमन सिंह गुँसाई द्वारा मोमेंटो भेंट देकर स्वागत किया l भारतीय वन्य जीव संस्थान की वैज्ञानिक एवं ट्रेनिंग डॉक्टर संगीता अगोंग द्वारा ट्रेनिंग प्रोग्राम की प्रस्तावना दी गई वन्य जीव संस्थान में होने वाले शोध और अन्य कार्यों का उल्लेख किया ।
प्राचार्य डॉक्टर बंदना शर्मा जी द्वारा जैव विविधता एवं कछुए के संरक्षण के विषय में व्याख्यान दिया। कार्यक्रम की शुरुआत नमामि गंगे अंतर्गत विद्यार्थियों को चलचित्र के माध्यम से माँ गंगा के संरक्षण एवं स्वच्छता के लिए जागरूक किया गया।
डॉ संगीता ने टाइगर प्रोजेक्ट, पोचिंग एवं नामीबिया से लाए गए चीता की पारिस्थितिकी तंत्र में भूमिका पर अपने व्याख्यान द्वारा प्रकाश डाला गया । छात्र-छात्राओं ने बड़े हर्ष एवं जिज्ञासा प्रकट करते हुए कई प्रश्न किए एवं विशेषज्ञों ने उनका उत्तर देकर कर उन्हें संतुष्ट किया । डॉक्टर संगीता ने अंब्रेला स्पीशीज, कीस्टोन स्पीशीज, टाईगर के पगमार्क एवं स्ट्रापस मेथड से उनकी गणना की विधि को समझाया ।
डॉ नेहा ने वेटलैंड की परिभाषा, प्रकार एवं संरक्षण पर व्याख्यान दिया l डॉक्टर सना शेख ने नदियों की संरचना क्षेत्र पर हाइड्रोलॉजिस्ट नदियों का डिस्चार्ज आदि पर बच्चों को विस्तार से बताएं।
दूसरे दिवस पर डॉक्टर अनुपमा ने भोजन एवं पोषण पर व्याख्यान दिया झंगोरा मिलट्स का इतिहास और उसकी उपयोगिता से छात्र-छात्राओं को रूबरू कराया, ज्वार बाजरा मुख्य मीलट तथा कुट्टी कानरा झंगोरा कोनी कंगनी की उपयोगिता के बारे में बताया ।
डॉक्टर आयुषी पांडे ने मिशन लाइफ एवं पर्यावरण की उपयोगिता संबंधी जानकारी स्टूडेंटस के साथ शेयर की
ई -वेस्ट मैनेजमेंट पर बच्चों का ज्ञानवर्धन किया गया।
इस दो दिवसीय कार्यशाला में अलग-अलग तरह के जैव विविधता रिजर्वेशन पर आधारित कविजन प्रतियोगिता खेली गई जिसमें छात्र-छात्राओं की अलग अलग टीम बनाकर सहभागीयों द्वारा
प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले छात्र छात्राओं को संस्थान की ओर से पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरण किए गए । कार्यक्रम के अंत में डॉ कविता काला ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन दिया।
इस कार्यशाला मैं प्रोo दक्षा जोशी, प्रोo पूजा कुकरेती,प्रोo ज्योति खरे, प्रोo सविता बर्मा, डॉ अखिलेश कुकरेती, डॉ ऋतू कश्यप, डॉ अनीता चौहान, डॉ डिम्पल भट्ट , डॉ श्रुति चौकीयल, डॉ रश्मि नौटियाल, डॉ मनीषा सांगवान, डॉ सरिता तिवारी, डॉ रीना तथा छात्र छात्राओं मैं, आंचल, पूजा, शशांक,प्राची,किरण, नन्दन, रेखा, अंजलि, कोमल, पवन, राहुल, सागर इत्यादि।