वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर देहरादून में महाविद्यालय के संरक्षक प्राचार्य प्रोफेसर जी आर सेमवाल के दिशा निर्देशन में जंतु विज्ञान विभाग के विभाग प्रभारी डॉक्टर डी के भाटिया द्वारा आई पी आर (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइटस) विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया ।

कार्यशाला का शुभारंभ सरस्वती मां की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर हिमांशु गोयल, पी आई सी, यूकास्ट, देहरादून, डॉ दीपक सेमवाल, उत्तरांचल आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय देहरादून व प्रोफेसर अरविंद कुमार अवस्थी डाकपत्थर महाविद्यालय उपस्थित रहे।

कार्यशाला का संचालन भौतिक विज्ञान विभाग के विभाग प्रभारी डॉ विनोद रावत द्वारा किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि का बैज अलंकरण एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया। इसके पश्चात संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ मनोरथ नौगाई के प्रयास से उनके छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति की गई।

कार्यशाला के सचिव एवं जंतु विज्ञान विभाग के विभाग प्रभारी डॉक्टर डी के भाटिया द्वारा सभी उपस्थित मुख्य वक्ताओं का स्वागत किया गया एवं कार्यशाला के विषय के बारे में सभी छात्र-छात्राओं को अवगत कराया।

इसके पश्चात महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक, संस्कृत विभाग के विभाग प्रभारी, प्रोफेसर आर एस गंगवार द्वारा उद्बोधन दिया गया, जिसमें उन्होंने अपने मूल विचारों और लेखन को कैसे दूसरे व्यक्ति विशेष के द्वारा चुरा लिया जाता है या पुस्तक या लेख के रूप में छपवा दिया जाता है, आदि मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की गई।

महाविद्यालय संरक्षक प्राचार्य प्रोफेसर जी आर सेमवाल द्वारा व्याख्यान स्वरूप कहा गया कि सभी छात्र-छात्राओं को ऐसी महत्वपूर्ण कार्यशाला के माध्यम से ज्ञान अर्जित करते रहना चाहिए, साथ ही ऐसे विषयों के माध्यम से कई समकालीन महत्वपूर्ण जानकारियां भी प्राप्त हो जाती है।

प्राचार्य द्वारा समस्त प्राध्यापकों को अपने विषयों से संबंधित ऐसे ही उपयोगी विषयों पर सेमिनार या कार्यशाला या संगोष्ठी आदि करने के लिए भी संदेश दिया गया। इसके पश्चात वनस्पति विज्ञान विभाग की विभाग प्रभारी डॉक्टर राखी डिमरी द्वारा समस्त उपस्थित मुख्य वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया गया एवं आगे भी इसी प्रकार की जागरूक विषयों पर कार्यशाला कराने के संबंध में समस्त छात्र-छात्राओं को सूचित किया।

कार्यशाला के अगले चरण में गणित विभाग के विभाग प्रभारी डॉक्टर आर एल केष्टवाल द्वारा मुख्य वक्ता डॉ हिमांशु गोयल का परिचय देखकर व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया। अपने व्याख्यान में डॉ गोयल ने प्रॉपर्टी राइट्स के बारे में विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने पेटेंट्स, कॉपी राइट्स, ट्रेडमार्क, इंडस्ट्रियल डिजाइन आदि के बारे में बताया, साथ ही कैसे विभिन्न प्रॉपर्टी राइट्स की विभिन्न फीस हो जाती है, वह किस प्रकार ट्रेडमार्क व लोगों के द्वारा कंपनी की पहचान बनती है आदि ऐसे महत्वपूर्ण बिंदुओं को हाइलाइट्स किया।

द्वितीय वक्ता के रूप में डॉ दीपक सेमवाल ने आयुर्वेद के महत्व व उपयोगिता के साथ ही शोध के क्षेत्र में नैतिकता व प्लैजिरिसम जैसे विषयों पर विस्तार से अपने विचार साझा किये। उन्होंने पारंपरिक ज्ञान के प्रकार जैसे फोकलोर, लीजेंड्स, लैंग्वेज, डांस, डिजाइंस, गेम्स, कलचर, रिचुअल्स, सोंग्स आदि विषयों की महत्वता पर प्रकाश डाला। इसके पश्चात प्रोफेसर अवस्थी द्वारा कला की अभिव्यक्ति को पेटेंट करें या ना करें या इस गुण को भौतिक माने या ना माने आदि जटिल बिंदुओं पर अपने विचार रखें साथ ही उन्होंने पेटेंट के व्यावसायिककरण होने के संबंध में उसके लाभ व हानि के पक्ष को व्याख्यान के रूप में प्रस्तुत किया।

इसके पश्चात सेशन ब्रेक लंच के साथ हुआ एवं अंतिम व्याख्यान के रूप में डॉक्टर गोयल द्वारा बिजनेस ब्रांड, कंपनी लोगो आदि के बारे में जानकारी साझा की, साथ ही किस प्रकार कॉपीराइट पेटेंट व प्रतीक किसी भी फर्म, कंपनी आदि की सफलता में सहयोगी की भूमिका में होते हैं, उसके बारे में भी विस्तार से समझाया।

कार्यशाला के अंतिम चरण में छात्र संघ पदाधिकारी व रोवर्स और रेंजर्स के स्वयंसेवियों को मुख्य वक्ताओं के द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किया गया साथ ही कार्यशाला का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।

कार्यशाला में प्राध्यापक वर्ग में डॉक्टर विजय बहुगुणा, डॉ राकेश मोहन नौटियाल, डॉ आर पी बडोनी, श्रीमती पूजा राठौर, श्री अशोक कुमार, मीडिया प्रभारी डॉक्टर दीप्ति बगवाड़ी, डॉ पूजा पालीवाल, डॉ निरंजन प्रजापति, डॉ सीमा, डॉ मंजू, डॉक्टर परवेज, डॉ अमित, डॉक्टर योगेश, डॉक्टर अविनाश, डॉ रूचि बहुखंडी, डॉ रूचि सेमवाल, डॉ कविता, श्रीमती भावना, श्रीमती दीपा, डॉ राजकुमारी भंडारी, डॉ हरीश, डॉक्टर के के बंगवाल, डॉ सुनिल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री मनमोहन, श्रीमती अंजलि, श्रीमती पूनम, श्रीमती नीतू, श्रीमती सोनी डिमरी, श्री दीपक, श्री सचिन, श्री जय भगवान आदि उपस्थित रहे।