October 20, 2025

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डाकपत्थर महाविद्यालय के बी एड संकाय में आयोजित छः दिवसीय “रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण” कार्यक्रम का हुआ समापन

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वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में आज दिनांक 18.05.2024 को बी एड संकाय के प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्र/छात्राओं हेतु महिंद्रा ग्रुप के नांदी फाउंडेशन द्वारा आयोजित छः दिवसीय “रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण ” का सफल समापन हुआ।

यह प्रशिक्षण डाकपत्थर महाविद्यालय के राष्ट्रीय शिक्षा नीति/ रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण के संयोजक डॉ राकेश मोहन नौटियाल के दिशा निर्देशन में संपन्न हुआ।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रशिक्षक श्री हर्षवर्धन सैनी ने छात्रों को प्रथम दिवस से अंतिम दिवस तक विभिन्न व्यावसायिक विकास से सम्बंधित कौशलों के बारे में विस्तारपूर्वक समझाया।

उन्होंने छात्र/छात्राओं को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से रोज़मर्रा की जिंदगी में आने वाली समस्याओं का सामना करना सिखाया एवं लक्ष्य को प्राप्त करने के कई सरल टिप्स दिए।

साथ ही साथ उन्होंने छात्रों को साक्षात्कार से सम्बंधित कई बातों की महत्वपूर्ण जानकारियां भी साझा की। वाद विवाद एवं समूह चर्चा के माध्यम से समाज मे व्याप्त सामाजिक कुरितोयों एवं मुद्दों पर भी चर्चा करवाई गई,जिसमें सभी छात्रों ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किये।

तत्पश्चात महाविद्यालय के संरक्षक प्राचार्य प्रो.जी आर सेमवाल ने छात्रों को बताया कि अगर अपने भावी जीवन को सुखद एवं सफल बनाना है तो हमें शिक्षा के साथ साथ अपने कौशलों का भी विकास करना अत्यंत आवश्यक है, तथा अपने कौशलों का विकास करने के लिए हमें अपने हुनर को पहचानना जरूरी है।

बी एड विभाग के समन्वयक, महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो आर एस गंगवार ने अपने सम्बोधन में बताया कि एक शिक्षक के लिए प्रशिक्षण का क्या महत्व होता है?

उन्होंने बताया कि वर्तमान समय मे परम्परागत एवं आधुनकि शिक्षण में बहुत अंतर आ गया है इसलिए आज के शिक्षक को चाहिए कि वह नई नई तकनीक एवं कौशलों का प्रयोग कर अपने शिक्षण को और अधिक प्रभावी बनाएं।

इसी क्रम में कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी डॉ राकेश मोहन नौटीयाल ने कहा कि शिक्षक केवल पढ़ाने तक ही सीमित नही है अपितु यह छात्रों को समझाने की एक विधि भी है।उन्होंने बताया कि अध्ययन से आप शिक्षित हो सकते हैं परंतु प्रशिक्षित होने के लिए अभ्यास करना आवश्यक है जो कि इस प्रकार के कौशल विकास कार्यक्रम द्वारा ही सम्भव है।

अंत मे प्रशिक्षक हर्षवर्धन सैनी जी का धन्यवाद प्रेषित करते हुए बी एड विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ रुचि बहुखंडी ने कहा कि नांदी फाउंडेशन का छात्र हितों में इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करना अत्यंत सराहनीय कार्य है तथा उनके द्वारा भविष्य में भी इसी प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमो का आयोजन होते रहने से छात्रों को प्रोत्साहन मिलता रहेगा एवं उन्हें अपने हुनर एवं कौशल को पहचानने का अवसर भी प्राप्त होगा।

कार्यक्रम में श्रीमती प्रिंसी कर्णवाल, डॉ कविता बडोला, श्री अभिषेक गौड़, श्री जे.पी. नौगाईं, श्रीमती दीपमाला, पुस्तकालय अध्यक्ष श्री विमल डबराल, कार्यालय कर्मचारी अनिता पंवार एवं अनुसेवक वीरेंद्र भाटी उपस्तिथ रहे।

बी एड प्रशिक्षु छात्र/ छात्राओं में अमित, रमन, हरीश, रोहित, सुमित, प्रकाश, विपुल, अवनीश,विमल, शुभांगी, साधना, काजल, शिवानी, सानिया, अर्चना, शिल्पी, प्रियंका, साक्षी, आरती, वंशिता, आदि उपस्तिथ रहे।

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