संजीव शर्मा, एनटीन्यूज़: 16 नवंबर 2021 को पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग व बायोकेमिस्ट्री विभाग एम्स ऋषिकेश के संयुक्त तत्वावधान में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकास्ट) द्वारा प्रायोजित हैंड्स ऑन ट्रेनिंग New Born scrining (न्यूबॉर्न स्क्रीनिंग) विषय पर आयोजन किया गया ।

इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर एमएस पंवार, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर एन.पी. माहेश्वरी, भूतपूर्व उच्च शिक्षा निदेशक उत्तराखंड शासन, डॉक्टर अनीशा आतिफ मिर्जा, विभाग अध्यक्ष बायोकेमिस्ट्री विभाग, एम्स ऋषिकेश व इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षक व मुख्य वक्ता डॉ मनीषा नैथानी थे।

कार्यक्रम के संयोजक वह मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी के समन्वयक ऑफिसर गुलशन कुमार ढींगरा ने सभी अतिथियों व माननीयों का स्वागत पुष्प देकर किया।

डॉक्टर ढींगरा ने कहा कि हमारे लिए आज गौरव का विषय हैं, एम्स के विशेषज्ञों द्वारा हमारे छात्रों को इस प्रकार की नवीनतम तकनीकी से रूबरू कराया जा रहा है व इस महत्वपूर्ण विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया।

एम्स ऋषिकेश की डॉ अनीशा आतिफ मिर्जा ने कहा कि आजकल के दौर में नवजात शिशु में अनेकों अनुवांशिक बीमारियां व परिवर्तन आ जाते हैं जिसके लिए यह परीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है सभी छात्र छात्राओं के लिए यह कार्यशाला भविष्य में अत्यंत लाभदायक साबित होगी।

उन्होंने बताया कि नवजात शिशु की स्क्रीनिंग पूरे विश्व में एक जरूरी डायग्नोस्टिक टेक्निक है किंतु भारत में यह अभी नेशनल प्रोग्राम के तहत नहीं आया है । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस स्क्रीनिंग टेस्ट को एक रूटीन लेवल में लाने की जरूरत है ताकि शिशु में भविष्य में होने वाली बीमारी से बचाव हो सके।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉक्टर एनपी महेश्वरी ने कहा कि इस प्रकार की तकनीकी से नवजात शिशुओं के डायग्नोसिस बहुत महत्वपूर्ण है ताकि इससे जन्मजात बीमारी को रोकने में प्रयास किए जा सकते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों को सीखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने अपने जीवन पर एक इसी प्रकार का महत्वपूर्ण उदाहरण बताया और कहा कि यदि बचपन में हमारी जांच में भी होती तो हम भी अनेकों बीमारियों से ग्रसित ना होते।

मुख्य वक्ता डॉ मनीषा नैथानी एडिशनल प्रोफेसर बायोकेमिस्ट्री विभाग, ने अपने व्याख्यान में कहा कि न्यू बॉर्न स्क्रीनिंग उसका इतिहास तथा इस तकनीक के द्वारा शिशुओं में अनुवांशिक बीमारी/ जन्मजात बीमारी जैसे हाइपोथाइरॉएडिज्म गैलेक्टोमियां, अलकपटोन्यूरिया आदि का इलाज संभव है।

इसके साथ ही इंबोर्न एरर्स आफ मेटाबॉलिज्म जैसे जटिलताओं को दूर किया जा सकता है। इस नवीनतम तकनीकी को राष्ट्रीय हेल्थ प्रोग्रामों में जोड़ने हेतु जोर दिया और कहा कि यदि यह रूटीन में आ जाए तो बच्चों में अनेकों जन्मजात बीमारियों से बचा जा सकता है.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ एमएस पंवार समय से न पहुंचने के कारण दूरभाष के माध्यम से संदेश दिया, और कहा कि इस व्यवहारिक ट्रेनिंग के लिए छात्रों तथा एमएलटी विभाग को शुभकामनाएं दी व इसी प्रकार निरन्तर प्रगति के लिए प्रेरित किया।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर पंकज पंत ने कहा कि इस प्रकार की ट्रेनिंग प्रोग्राम के द्वारा छात्रों को नई प्रयोगात्मक निदान को सीखने का मौका मिलता है, उन्होंने इस कार्यक्रम को बहुत ही सक्सेस बताया और कहा कि छात्रों में इस प्रकार की जागरूकता छात्र जीवन से हो तो वह अपने कार्यस्थल पर व्यवस्थित तरीके से कार्य करेगा।

कार्यक्रम में विभाग के प्रवक्ता श्री अर्जुन पालिवाल ने एमएलटी विभाग की अब तक की उपलब्धियों को चल चित्र के माध्यम से दिखाया।

कला संकाय के संकायाध्यक्ष डॉक्टर डीसी गोस्वामी ने सभी गणमान्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यशाला के द्वितीय सत्र में सभी प्रतिभागियों को एम्स ऋषिकेश की बायोकेमिस्ट्री विभाग की रेडियो इम्यूनो ऐसे (RIA) लैब में हैंड ऑन ट्रेनिंग की व न्यू बॉर्न स्क्रीनिंग परीक्षणों को सीखा।

कार्यक्रम का संचालन एमएलटी विभाग की सफिया हसन ने किया।

इस मौके पर भौतिक विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वाय के शर्मा, गणित विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनीता तोमर, वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर वी डी पांडे, डॉक्टर एनके शर्मा, डॉ एसके कुड़ियाल, एमएलटी विभाग की शालिनी कोठियाल, देवेंद्र भट्ट, पवन कुमार, श्रवण कुमार, चंद्रशेखर राजभर आयुष कुमार आदि उपस्थित थे।