डी पी उनियाल, गजा:  मन में कुछ करने का हौसला हो तो कुछ भी असम्भव नहीं है, शहर की चकाचौंध को अलविदा कह कर गांव वापस आये व्यक्ति ने जब रिवर्स पलायन कर पथरीली बंजर जमीन काट कर होम स्टे बनाया तो गढ़वाली संस्कृति और पहाड़ी उत्पादों पर बने शुद्ध आर्गेनिक भोजन को पहचान दिलाने के लिए काम किया

जी हां हम बात कर रहे हैं टिहरी जिले विकास खंड चम्बा में मखलोगी पट्टी के बताणखेत गांव निवासी बीरेंद्र उनियाल की । बीरेंद्र उनियाल ने गजा नकोट सड़क किनारे बताणखेत गांव में अपनी पैतृक बंजर जमीन पर सारी जमा पूंजी खर्च कर ” टिहरी फार्म्स” के नाम से होम स्टे बनाया, रिवर्स पलायन का अनूठा उदाहरण पेश कर पहाड़ी उत्पादों, पहाड़ी संस्कृति, पहाड़ी भोजन को पहचान दिलाने के लिए काम करना शुरू किया, ” टिहरी फार्म्स” का उद्घाटन करते हुए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी उनकी मेहनत की प्रशंसा की है ।

शहर से गांव लौटकर आये बीरेंद्र उनियाल ने कहा कि पहाड़ों में पर्यटन, तीर्थाटन से रोजगार मिलने की अपार संभावनाएं हैं लेकिन ठोस कार्ययोजना तैयार करने की आवश्यकता है, रिवर्स पलायन पर ‘ घर वापसी संवाद ‘ ‘ आवा अपणा घर ‘ सहित कई बातों पर चर्चा हुई लेकिन यदि सरकार प्रोत्साहन दे तो हम ” रोजगार मांगने वाले नहीं वल्कि रोजगार देने वाले” बन सकते हैं ।

टिहरी झील की तर्ज पर कोटेश्वर झील को भी पर्यटन के लिए विकसित किया जाना चाहिए ।

अब तक ” टिहरी फार्म्स” में सीरियल अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी,होटल उद्योग के हिमांशु जोशी, एडिशनल सचिव महाराष्ट्र उज्वल यू के ई , अतुल अरोडा सिंगापुर सहित अनेक जानीं मानी हस्तियां यहां आ कर पहाड़ी भोजन, पहाड़ी संस्कृति, की प्रशंसा कर चुके हैं ।