आज दिनांक 07 दिसंबर 2024 को पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौघोगिकी परिषद, देहरादून (UCOST) की ओर से वायु प्रदूषण पर एक जनजागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमे Breath of the Earth, (What is AQI, Why it is in News) विषय पर चर्चा की गई।
इस कार्यक्रम में पंजाब विश्वविद्यालय, चंड़ीगढ़ के सेंटर फ़ॉर पब्लिक हेल्थ, के चैयरमैन डॉ० मनोज कुमार ने छात्रों को इस विषय यथा एयर क्वालिटी इंडेक्स के बारे में विस्तृत रूप से अवगत कराया।
डॉ० मनोज कुमार ने बताया एयर क्वालिटी इंडेक्स आठ एयर पोल्यूटेंट पर आधारित है जैसे Pb, NH3, PM 2.5, PM 10, SO2, NO2, O3, CO3, 1.0 – 50 AQI – क्लीन एयर को प्रदर्शित करता है। 2.51 से 100 AQI तक शुद्ध हवा को प्रदर्शित करता है। 3.01 से 200 AQI – मोडरेट को प्रदर्शित करता है।
4.301 से 400 AQI – गंदगी 5.401 se 500 AQI – सीवर को प्रदर्शित करता है। साथ ही उन्होंने बताया ए० क्यू०आई० हमारे स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है जिसके कारण यह बीमारियां हो सकती है जैसे अस्थमा, खांसी, सांस लेने में तकलीफ होना। हमें जिससे बचने के लिए भारी वाहनों का शहर में आवागमन रोका जा सकता है, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते है। साथ ही उन्होंने बताया की AQI इंडेक्स को सन 2014 में IIT कानपुर में विकसित हुआ।
इस अवसर पर विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो० गुलशन कुमार ढींगरा ने कहा कि वायु प्रदूषण के संक्रमण के कारण हजारों जाने जाती हैं एवं हम गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं, हमें इसका बचाव शीघ्र ही करना होगा जिससे भविष्य में इस प्रकार की गंभीर बीमारियों से मुक्ति मिल सके, वृक्षारोपण, जंगलों का बचाव ही एकमात्र रास्ता है जिससे प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है ।
इस अवसर पर परिसर के निदेशक प्रो महावीर सिंह रावत ने डॉ मनोज का धन्यवाद ज्ञापित किया व कहा कि ग्रेजुएशन लेवल पर पर्यावरण विज्ञान का एक महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम सभी विधाओं के छात्र-छात्राओं को इसीलिए पढ़ाई जाती है कि युवाओं में जागरूकता बढ़े, आये दिन वाहनों की तादात बढ़ रही, पेड़ो का कटान हो रहा है, इस वजह से प्रदूषण निरंतर बढ़ रही है।
यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो दुर्गेश पंत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार पर्यावरण के लिए अत्यंत संजीदा है इसी क्रम में हम सभी का कर्तव्य है कि पर्यावरण को सुरक्षित करना। श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय कि कुलपति प्रोफेसर एन के जोशी व कुलसचिव दिनेश चंद्र ने सभी को इस कार्यक्रम के लिये शुभकामनाएं प्रेषित की। इस दौरान एम०एल०टी० विभाग के सभी छात्र छात्राएं व फैकल्टी उपस्थित रहे।
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