रुड़की: 5 सितम्बर बी०एस०एम० (पीजी) कॉलेज, रुड़की, उत्तराखण्ड में अंग्रेजी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ० अर्चना देवी त्यागी की 7वीं 8वीं पुस्तकों का विमोचन किया गया।

श्री मनोहर लाल शर्मा एडवोकेट, अध्यक्ष बी०एस०एम० शिक्षण संस्थान, चेयरमैन, इन्टरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इण्डिया, उत्तराखण्ड, पूर्व राज्यमंत्री श्री ममतेश शर्मा, उपाध्यक्ष, बी०एस०एम० शिक्षण संस्थान, श्री रजनीश शर्मा निदेशक, बी०एस०एम० शिक्षण संस्थान,  प्रो० (डॉ०) गौतम वीर प्राचार्य बी०एस०एम० (पीजी) महाविद्यालय, डॉ० ममता जोशी, प्राचार्या बी०एस०एम० बी०एड० कॉलेज एवं श्री वासुदेव पंत, भू०पू० प्रिसिंपल, बी०एस०एम० इण्टर कॉलेज ने बी०एस०एम० (पीजी) कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ० अर्चना डी० त्यागी की दो पुस्तकों का विमोचन किया।

इस अवसर पर श्री मनोहर लाल शर्मा जी ने सभी शिक्षकों को ‘शिक्षक दिवस’ की बधाई दी। बी०एस०एम० (पीजी) महाविद्यालय की एसो० प्रो० डॉ० अर्चना डी० त्यागी द्वारा रचित दो पुस्तकों- “Handbook of Research Methodology और “Communication Skills for Young Professionals”  का विमोचन किया गया। उल्लेखनीय है कि डॉ० अर्चना डी० त्यागी एक बहुमुखी प्रतिभा की धनी अध्यापिका हैं जिनके पास लगभग दो दशक का शैक्षणिक अनुभव है। आप अब तक 8 पुस्तकें लिख चुकी हैं। 50 से अधिक शोधपत्र इनके नाम हैं।

डॉ० अर्चना त्यागी Project on the Encyclopaedia of Mahabharata, गुरूकुल कांगडी डीम्ड विश्वविद्यालय, हरिद्वार, उत्तराखंड की Text Associate रही है।

भारतीय संस्कृत काव्यशास्त्र के “औचित्य सिद्धान्त” पर इनकी प्रथम पुस्तक – “A Study of Shelley’s Poetry in the Light of Acarya Kşemendra’s Aucitya Siddhānta,” 2008 में प्रकाशित हो चुकी है।

आप “ध्वनि सिद्धांत” पर यू०जी०सी० के एक MRP पर भी कार्य कर चुकी है। “भगवदगीता” पर डिग्री प्राप्त डॉ० त्यागी, गुरूकुल कांगडी डीम्ड विश्वविद्यालय से Ramayana as the First Source of Indian Sanskrit Poetics” शीर्षक अन्तर्गत D. Litt. की उपाधि हेतु आकाक्षी हैं।

डॉ० त्यागी की उल्लिखित दोनों पुस्तकें NEP-2020 के B.A एवं M.A. के पाठ्यक्रम पर आधारित है।