मध्य प्रदेश के श्योरपुर जिले में स्थिक कूनो पार्क (Kuno Park) में  अब देश के लोगों को अफ्रीकी चीतों (African Cheetah) का दीदार करने को मिल जाएगा।

मप्र मेंश्योपुर के कूनो में अफ्रीकी चीतों को प्रधानमंत्री मोदी के हाथों आजाद कराया गया है । हालांकि अभी चीते बाड़े में क्वारंटीन रहेंगे। एक महीने के बाद उन्हें बड़े बाड़े में शिफ्ट किया जाएगा।

इन चीतों को 2 बाड़ों में रखा गया है. सभी चीतों को तीन घंटे बाद पानी दिया गया, जिसे सभी ने पी लिया। इसके बाद भैंसे का मीट दिया गया, जिसे सभी चीतों ने खा लिया. अब चीतों को शिकार करने के लिए बाड़े में चीतल भी डाले जाएंगे।

बताया जा रहा है कि चीतों के लिए कूनो में पेंच टाइगर रिजर्व से चीतलों को कूनों लाया गया है. पेंच रिजर्व से 500 चीतल आ रहे हैं। पहले चरण में अभी 70 चीतल ही आए हैं।

चीतों को शुरुआत में भोजन यानि चीतल का मांस ही उनके बाड़ों में दिया जाएगा। यानि उन्हें कुछ दिन तो बिल्कुल भी शिकार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।  कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन ने व्यवस्था कर रखी है।

पीएम मोदी ने कहा कि श्योपुर में अभयारण्य बनाने के लिए लोग विस्थापित हो गए, इंतजार करते रहे कि क्षेत्र आगे बढ़ेगा, लेकिन ये इंतजार ही रहा। पीएम मोदी ने कहा कि हम श्योपुर चलेंगे तो खाली हाथ नहीं चलेंगे। जब पहुंचेंगे तो चीते के साथ ही इस अभयारण्य का शुभारंभ करेंगे। अब श्योपुर में 8 आफ्रीकी चीते हैं।

बता दें कि 70 साल बाद नामीबिया से भारत पहुंचे 8 चीतों को मप्र के कूनो नेशनल पार्क में पीएम मोदी ने छोड़ा। अपने जन्मदिन पर मोदी ने चीतों की सौगात दी है। कूनों के क्वारंटाइन बाड़े में 3 नर और 3 मादा चीतों को छोड़ा है. चीतों को छोड़ते हुए खुद कैमरे में कैप्चर किया।

इन चीतों को एक विशेष विमान से आज सुबह ग्वालियर में भारतीय वायुसेना एयरबेस लाया गया। यहां से वायुसेना के चिनूक हेलीकाॅप्टर से इन चीतों को कूनो वन अभयारण्य लाया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबियाई चीतों को छोड़ने के बाद अपने संबोधन में कहा कि आज चीता दशकों बाद हमारी धरती पर वापस आए हैं। इस ऐतिहासिक दिन पर मैं सभी भारतीयों को बधाई देना चाहता हूं और नामीबिया की सरकार को भी धन्यवाद देना चाहता हूं. यह उनकी मदद के बिना संभव नहीं हो सकता था।

भारत में वर्ष 1952 से विलुप्त घोषित ‘चीता’ वर्ष 2022 में दोबारा पुनर्स्थापित हुआ है. इसके पूर्व चीता पुनर्स्थापना के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों की चर्चा हुई।

प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाईल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए किये गये संभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण में देश में चयनित 10 स्थान में से प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान को सर्वाधिक उपयुक्त पाया गया।