December 28, 2025

Naval Times News

निष्पक्ष कलम की निष्पक्ष आवाज

महाविद्यालय अगरोड़ा: विज्ञान विभाग द्वारा हुआ सेमिनार का आयोजन

शहीद श्रीमती हंसा धनाई राजकीय महाविद्यालय अगरोड़ा टिहरी गढ़वाल मे आज दिनांक 17 अप्रैल 2023 को प्राचार्य प्रोफेसर विनोद प्रकाश अग्रवाल की अध्यक्षता एवं मार्गदर्शन मे वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा उत्तराखंड राज्य की वन पारिस्थितिकी तंत्र की सेवाएं विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया।

छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर अग्रवाल ने कार्यक्रम का प्रारंभ किया। उन्होंने बताया कि हमारा प्रदेश मे वन संपदा का अतुल भंडार है। पूरे भारत के लिए हिमालय क्षेत्र का बड़ा महत्व है, इसलिए उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है।

यहां से निकलने वाली जीवनदायिनी नदियों को देवनदियां, यहां उगने वाले वृक्षों को देववृक्ष, पुष्पों में ब्रह्म कमल, प्राणियों में कस्तूरी मृग को धार्मिक भावना से जोड़ा गया है जिससे स्वतः ही इन जीवनदायिनी संसाधनों का संरक्षण हो सके और लोगों को आजीविका भी मिल सके।

कार्यक्रम के संयोजक एवं मुख्य वक्ता वनस्पति विज्ञान विषय के सहायक प्राध्यापक डॉ० भरत गिरी गोसाई ने अपने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से वनों से प्राप्त होने वाले प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभो के बारे मे विस्तृत जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि वन न केवल वातावरण से प्रदूषण को कम करते हैं बल्कि भूमि को अपने जड़ों से जकड़कर मिट्टी के कटाव से भी सुरक्षा प्रदान करती है। वनों से हमें अनेक प्रकार की औषधियां प्राप्त होती है। आज देश की लगभग 16% भूमि वनाच्छादित है जबकि कम से कम 36% होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि 50 साल का वृक्ष अपने जीवन काल में लगभग ₹137 लाख की पारिस्थितिकी सेवाऐं मानव को प्रदान करता है। कार्यक्रम मे बतौर विशिष्ट अतिथि गणित विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ० अजय कुमार ने शिरकत की।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए रसायन विज्ञान के सहायक प्राध्यापक डॉ० राकेश रतूड़ी ने कहा कि वनो को लगाना जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक है वनों का प्रबंध एवं संरक्षण। आज हम प्रकृति का सदुपयोग ना कर उसका दोहन कर रही है। सिर्फ सरकारी कानूनों से नहीं बल्कि सकारात्मक दायित्व निर्वहन से पर्यावरण की रक्षा संभव है।

कार्यक्रम मे अपने विचार रखते हुए भूगोल विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ० प्रमोद सिंह ने कहा कि पर्यावरणीय समस्या विश्वव्यापी है। प्रदूषण रूपी राक्षस हमारा अस्तित्व ही खत्म करने पर आमादा है। वृक्षारोपण, संसाधनों का सही उपयोग, प्रदूषण को कम कर के हम पर्यावरणीय समस्या पर विजय पा सकते है।

कार्यक्रम मे उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन डॉ० प्रमोद सिंह द्वारा किया गया। आज के इस सेमिनार मे महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ० अजय कुमार सिंह, डॉ० विजयराज उनियाल, डॉ० सीमा, डॉ० बिशन लाल, डॉ० नेपाल सिंह, डॉ० बबीता बंटवाण, डॉ० अनुपम रावत, डॉ० छत्र सिंह कठायत एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

About The Author