राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा में सांस्कृतिक मंच के तत्वावधान में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ 0 विनीत गोस्वामी की सव्याख्यान प्रस्तुति हुई।
डॉ 0 गोस्वामी ने संगीत की व्यावसायिक उपयोगिता पर विचार व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि आप संगीत सीखने के बाद कलाकार, शिक्षक, प्रशिक्षक लेखक कम्पोजर रिकार्डिंस्ट, अरेंजर, आयोजक आदि बन सकते हो।
संगीत में अपार संभावनाएं हैं उन्होंने कहा कि संगीत अन्य विषयों की अपेक्षा सामाजिक जीवन ज्यादा काम आता है।अन्य विषय तो हम भूल जाते हैं किन्तु संगीत याद रहता है ।
प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक एवं गुरु पंडित विद्याधर व्यास के शिष्य डॉ 0 गोस्वामी ने राग भैरव विलंबित एक ताल में बड़ा ख्याल बालमुवा मोरें सैया सदा रंगीले व छोटा ख्याल जागो बृजराज कुंवर नंद के दुलारे जमुना में गेंद डाली ग्वाल बाल हारे विभिन्न आलाप तानों के साथ गाया, उन्होंने राग भूपाली में तिरवट धिरकित तक धीर धी ना धी ना ती ती ना, राग सिंदुरा में चतुरंग एवं सुगम संगीत की प्रस्तुति से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के अंत में डॉ 0 विनीत गोस्वामी को सांस्कृतिक मंच व संगीत विभाग की ओर से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सहायक निदेशक कालेज शिक्षा डॉ 0 गीता राम प्राचार्य डॉ 0 सीमा चौहान सांस्कृतिक मंच प्रभारी प्रेरणा शर्मा डॉ 0 राजेन्द्र माहेश्वरी डॉ 0 पुनीता श्रीवास्तव, डॉ 0 संतोष कुमार मीना , डाॅ 0 बीना कुमावत, डाॅ 0 सपना कोतरा डॉ 0 राजमल मालव, डॉ 0 सुनीता शर्मा, डॉ 0 मनीषा शर्मा, डॉ 0 अनीता तम्बोली,डाॅ 0 पारूल सिंह डॉ 0 ज्योति सिडाना, डॉ 0 रिजवान, तबला वादक देवेंद्र कुमार सक्सेना, महूराज राव आदि उपस्थित थे