राजकीय महाविद्यालय नैनबाग में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत संचालित शोध परियोजना के तहत टिहरी गढ़वाल के चम्बा ब्लॉक में दिनांक 31 मई 2025 को मोटे अनाज के उत्पादन हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया।

जिसमें चम्बा ब्लॉक के ग्राम सभा चोपड़ियाल एवं गुनोगी के किसान कार्यशाला मे उपस्थित रहे। ग्राम प्रधान विनोद डोबरियाल एवं डॉ0 देवेश्वरानंद के साथ मिलकर शोध परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ0 मधु बाला जुवाँठा एवं सह अन्वेषक परमानंद चौहान ने रिसर्च प्रोजेक्ट परियोजना के तहत मोटे अनाजों के प्रति लोगों में जागरूकता हेतु कार्यक्रम किया।

डॉ0 मधु बाला जुवाँठा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मोटे अनाजों में भरपूर पोषण तत्व होता है जो शारीरिक और मानसिक रोगो से दूर रखता है।

मोटे अनाजों की वर्तमान समय में न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी मांग तेजी से बढ़ रही है तथा खाने में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। मोटे अनाजों से अनेक प्रकार के सामान जैसे बिस्किट आदि भी तैयार किये जा रहे हैं। परमानंद चौहान ने किसानों को बताया कि वर्तमान समय में यदि हमें स्वस्थ रहना है तो मोटे अनाजों की ओर अग्रसर होना पड़ेगा।

आधुनिक जीवन में खान-पान बदल जाने से अनेक तरह की बीमारियां लोगों को सता रही है, अतः हमें पुराने खेती पद्धति की ओर लौटना होगा तभी हम अपने भविष्य सुरक्षित कर पाएंगे। किसानों ने बताया कि उनके द्वारा कोदो एवं झंगोरा की फासले मुख्य रूप से उगाई जाती हैं लेकिन सिंचाई की सुविधा न होने के कारण इसकी खेती में समस्या आती है तथा पैदावार कम होती है। यदि सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाए तो मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ेगा।

किसानों ने मोटे अनाज की खेती में दूसरी मुख्य समस्या जंगली जानवरों , बन्दरों एवं आवारा पशुओं द्वारा पहुंच जाने वाले नुकसान को बताया। इन जानवरों द्वारा मोटे अनाजों की खेती को भयंकर रूप से नुकसान पहुंचाया जाता है और यह समस्या सभी गांव के किसानों की है।

किसानों ने बताया कि मोटे अनाजों के फसलों के उत्पादन में उन्हें रुचि है इससे उनके खाद्यान्न संबंधी आवश्यकता पूर्ण होता ही है आय का एक जरिया भी बनता है। कार्यक्रम में विभिन्न गांवों के किसान ग्राम प्रधान एवं महिलाएं उपस्थित रहे।

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