टिहरी से डीपी उनियाल की रिपोर्ट: जनपद टिहरी के कोटेश्वर बांध परियोजना से 4 किलोमीटर आगे पवित्र पावनी भागीरथी नदी के दाहिने तट पर पौराणिक कोटेश्वर महादेव मंदिर स्थित है , भागीरथी नदी शिव लिंग का जलाभिषेक कर रही है ।
कोटेश्वर महादेव मंदिर पौराणिक मान्यताओं प्रसिद्ध है , चमत्कार यह भी है कि यहां पर भागीरथी नदी धनुषाकार बहते हुए उत्तर वाहिनी है यानि कि नदी दक्षिण से उत्तर की ओर बहते हुए जलधारा फिर दक्षिण की ओर बह रही है।
मान्यता है कि निसंतान दम्पत्ति यहां पर आ कर महादेव के शिवलिंग को जलाभिषेक करें तो संतान प्राप्ति होती है, निसंतान दम्पत्तियां रात भर हाथ में जलता हुआ दीपक लेकर खड़े रहते हैं तथा मिट्टी का घड़ा भी यहां पर चढ़ाया जाता है तथा सन्तान प्राप्ति होने पर फिर पूजा की जाती है, हजारों श्रद्धालुओं ने मंदिर में पहुंच कर शिवलिंग का जलाभिषेक किया। उत्तराखंड ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से भी अनेकों भक्त हर साल यहां पहुंचते हैं।
इस शिवरात्रि पर्व पर सहारनपुर निवासी अवतार सिंह, अभिजीत सिंह, सतनाम सिंह,विनीत शर्मा ने यहां पर भंडारे का आयोजन किया तथा 21कम्बल व गद्दे मंदिर को दान किये।
ऋषिकेश से आये सुरेश चंद्र पैन्यूली ने 21 रुद्राक्ष की मालाएं शिवलिंग को जलाभिषेक के साथ अर्पित की , महादेव के भक्त पैन्यूली शिवलिंग की साफ सफाई व्यवस्था में लगे रहे।
कोटेश्वर महादेव मंदिर के महन्त जी एन गिरी गोस्वामी ने बताया कि यहां पर दूरदराज क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु पहुंचे हैं , उन्होंने बताया कि शिवलिंग का आकार बढ़ रहा है ।