उत्तर प्रदेश: राज्य सरकार बूढ़े मां-बाप या वरिष्ठ नागरिकों पर अत्याचार करने वाली संतानों एवं रिश्तेदारों को संपत्ति से बेदखल करने की प्रक्रिया और आसान बनाने जा रही है। इसके लिए सरकार उत्तर प्रदेश माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण नियमावली-2014 में संशोधन करने जा रही है।

विधि आयोग ने नियमावली के नियम-22 के बाद तीन और नियम 22-क, 22-ख व 22-ग बढ़ाने की सिफारिश की है। इसमें वरिष्ठ नागरिकों का ध्यान न रखने पर बच्चों या नातेदारों को उस संपत्ति से बेदखल करने के प्रविधान की बात कही गई है, जिस पर वरिष्ठ नागरिकों का कानूनी अधिकार है। बेदखली के लिए आवेदन अधिकरण के समक्ष किया जा सकता है।

यह हैं प्रस्तावित संशोधन-

वरिष्ठ नागरिक अपनी संपत्ति से संतानों एवं रिश्तेदारों की बेदखली के लिए अधिकरण को आवेदन दे सकते हैं। अगर वरिष्ठ नागरिक स्वयं आवेदन करने में असमर्थ हैं तो कोई संस्था भी उनकी ओर से ऐसा आवेदन दाखिल कर सकती है। अधिकरण को यह अधिकार होगा कि वे बेदखली का आदेश जारी कर सकें।

कोई व्यक्ति आदेश जारी होने से 30 दिनों के अंदर वरिष्ठ नागरिक की संपत्ति से बेदखली आदेश को नहीं मानता है तो अधिकरण उस संपत्ति पर पुलिस की मदद से कब्जा कर सकता है।

संबंधित पुलिस भी बेदखली आदेश का पालन कराने के लिए बाध्य होगी। अधिकरण ऐसी संपत्ति को बुजुर्ग को सौंप देगा। जिला मजिस्ट्रेट अगले माह की सात तारीख तक ऐसे मामलों की मासिक रिपोर्ट सरकार को भेजेंगे।

अधिकरण के आदेश के खिलाफ वरिष्ठ नागरिक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित अपीलीय अधिकरण में अपील कर सकते हैं।