राजकीय कला कन्या महाविद्यालय, कोटा में रक्षा के क्षेत्र में वस्त्रों के उपयोग पर टी.डी.पी. एवं गृहविज्ञान के संयुक्त तत्वावधान में व्याख्यान का आयोजन किया गया।

व्याख्यान में श्री दुर्गेश राज मौर्य (वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) ने रक्षा के क्षेत्र में वस्त्रों का उपयोग विभिन्न प्रकार से किया जाता है।

जिससे सैनिकों की दुश्मनों से रक्षा होती है। थर्मल विनियमन के द्वारा सैनिकों को चरम जलवायु में आरामदायक बनाया जाता है।

बुलेटप्रुफ जैकेट केवलाज तंतु के बने होते हैं। तंतु के तीन चार परत की बुनाई कर कपड़े का निर्माण किया जाता है। इससे शरीर के गति एवं लय में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

डी.आर.डी.ओ स्मार्ट टैक्सटाइल एवं टिकाऊ वस्त्र पर विभिन्न अनुसंधान में निरन्तर कार्यरत हैं।

श्री मौर्य ने पैराशूट के माध्यम से भीष्म हॉस्पिटल को किस प्रकार भूकंप, जंग आदि के स्थानों पर उतार कर जनसमूह की रक्षा की जाती है इसके विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की। प्राचार्य डॉ. सीमा चौहान ने छात्राओं को सेना एवं एनसीसी से छात्राओं को रूबरू करवाकर उनको सेना से जुड़ने के प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया।

कार्यक्रम का संचालन टीडीपी के विभागाध्यक्ष डॉ. गिरेन्द्र पाल सिंह ने किया। कार्यक्रम में गृहविज्ञान की विभागाध्यक्ष ने धन्यवाद ज्ञापित किया।