राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में जी-20 के परिप्रेक्ष्य में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रभात द्विवेदी के संबोधन से हुआ।

उन्होंने कहा कि भारत के लिए जी-20 की अध्यक्षता एक बड़े अवसर के रूप में आई है। आज जिस प्रकार भारत प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है और एक मजबूत अर्थव्यवस्था नॉलेज बेस्ड इकोनॉमी ,समूह लोकतंत्र, वैश्विक मंच पर शान्तिदूत तथा मानवता के प्रयासों में अग्रदूत के रूप में स्थापित हुआ है ठीक उसी प्रकार भारत जी-20 की अध्यक्षता के माध्यम से महान उद्देश्य और लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होगा।

भूगोल विषय के प्राध्यापक डॉ0 दीपक धर्मशक्तू ने “जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में भारत की भूमिका ” के विषय में विस्तृत जानकारी दी।

वनस्पति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ0 अशोक कुमार अग्रवाल ने “जैविक खेती द्वारा आत्मनिर्भरता” विषय पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से व्याख्यान प्रस्तुत किया और जैविक खेती से होने वाले लाभ और आधुनिक खेती कैसे समाज को दूषित कर रही है के विषय में विस्तार से बताया ।

अंत में डॉ0 विनीत कुमार ने जी-20 के उद्देश्य के बारे में एवं भारत को जी-20 की अध्यक्षता करने से कैसे पूरे विश्व में एक अलग पहचान मिलेगी के बारे में विस्तार से बताया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ0 कृष्णा डबराल द्वारा किया गया । इस अवसर पर डॉ0 रजनी लस्याल, डॉ0 प्रमोद कुमार, डॉ0 दिनेश चंद्र, , डॉ0 बृजेश चौहान ,डॉ0 कुलदीप ,डॉ0 आलोक बिजल्वाण, श्रीमती संगीता थपलियाल ,श्री कौशल बिष्ट, श्री मदन सिंह आदि उपस्थित रहे।