संजीव शर्मा, एनटीन्यूज़: 6/8/2021: वीएसकेसी रा० स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में आइ क्यू ए सी के अंतर्गत आनलाईन व्याख्यान श्रृंखला के छठे चरण में षष्ठम व्याख्यान में मुख्य वक्ता, डा प्रतीक देओल, कानून विभाग, एमिटी विश्वविद्यालय, जयपुर राजस्थान द्वारा आधुनिक दुनिया मे कृत्रिम बुद्धि की भूमिका विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर गोविंदराम सेमवाल द्वारा की गई। कार्यक्रम का संचालन आयोजन के संयोजक डॉ. राकेश कुमार जोशी द्वारा किया गया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राकेश मोहन नौटियाल, आयोजन सचिव डॉ. दीप्ति बगवाड़ी, आयोजन समिति सदस्यों में डॉ. आशाराम बिजलवान, डॉ. कामना लोहनी, डॉ. नीलम ध्यानी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद बडोनी, डॉ. विनोद रावत, डा माधुरी रावत द्वारा व्याख्यान व्यवस्था देखी गई।

मीडिया प्रभारी,डा दीप्ति बगवाड़ी ने बताया कि द्वारा डॉ. प्रतिक द्वारा कृत्रिम बुद्धि (artificial intelligence/ AI) के उपयोग और महत्व पर विशेष प्रकाश डाला गया। उन्होंने बताया कि मशीनों द्वारा प्रदर्शित बुद्धि को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के रूप में जाना जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज की दुनिया में बहुत लोकप्रिय हो गया है। यह मशीनों में प्राकृतिक बुद्धि का अनुकरण है जिसे सीखने और मनुष्यों के कार्यों की नकल करने के लिए प्रोग्राम किया जाता है। ये मशीनें मानव जैसे कार्यों को करने में सक्षम हैं। जैसे-जैसे ए आई जैसी प्रौद्योगिकियां बढ़ती जा रही हैं, उनका हमारे जीवन की गुणवत्ता पर बहुत प्रभाव पड़ेगा। यह स्वाभाविक है कि आज हर कोई किसी न किसी तरह ए आई तकनीक से जुड़ना चाहता है, चाहे वह ऐप-यूज़र के रूप में हो या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अपना करियर बनाना हो। स्मार्ट Mobile, गैजेट्स, laptop आदि को बनाना ओर प्रयोग करने से मनुस्य ने अपनी intelligency का परिचय दिया है।

व्याख्यान मे प्राध्यापक वर्ग में डा आशुतोष त्रिपाठी, डा एम एस रावत, डा मुक्ता डंगवाल, डा पूजा पालिवाल, डा निरंजन प्रजापति, डा अमित गुप्ता,डा दर्शन सिंह, आदि छात्र-छात्रा वर्ग में राहुल, अनु, उमेश, पलक, वर्शिता, विकास, नीलम, रिशिका, अंशिका, मयंक, अतुल, आदि उपस्थित रहे।

मीडिया प्रभारी,डा दीप्ति बगवाड़ी ने बताया कि वीएसकेसी स्नातकोत्तर महाविद्यालय ड़ाकपत्थर देहरादून।

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