Wednesday, October 15, 2025

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स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी – दो साल से कम उम्र के बच्चों को न दी जाएँ,खांसी और जुकाम की दवाएँ

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और जुकाम की दवाएँ न दी जाएँ।

मंत्रालय ने कहा है कि आमतौर पर पाँच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इन दवाओं की सलाह नहीं दी जाती है, और इससे ज़्यादा उम्र के बच्चों के लिए इनका इस्तेमाल सावधानीपूर्वक नैदानिक मूल्यांकन और कड़ी निगरानी के बाद ही किया जाना चाहिए।

मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सेवा निदेशकों को एक पत्र लिखा है। यह सलाह मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप के सेवन से हुई बच्चों की मौतों के मद्देनजर जारी की गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में हुई मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए बहु-विषयक टीम नमूनों और अन्य कारकों का विश्लेषण जारी रखे हुए है।

इस बीच, राजस्थान सरकार ने औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा को निलंबित कर दिया है और केसन फार्मा द्वारा आपूर्ति की गई सभी 19 दवाओं का वितरण रोक दिया है।

मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के तहत वितरित कफ सिरप के सेवन से कथित तौर पर दो बच्चों की मौत और कई बच्चों के बीमार पड़ने के बाद यह कार्रवाई की गई है।

राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अनुसार, 2012 से अब तक केसन फार्मा की दवाओं के 10,119 नमूनों की जाँच की जा चुकी है, जिनमें से 42 नमूने घटिया पाए गए हैं। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इस मामले की विस्तृत जाँच के आदेश दिए हैं।

इस बीच, छिंदवाड़ा जिले में संदिग्ध किडनी संक्रमण से नौ बच्चों की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप से बच्चों की मौत बेहद दुखद है।

यह सिरप कांचीपुरम की एक फैक्ट्री में बनाया गया था। घटना के बाद, राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार से जाँच का अनुरोध किया।

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