हरिद्वार: बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के साथ हो रही हिंसा के विरोध में आज हरिद्वार में हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया ।
धर्मनगरी हरिद्वार में विश्व मानवाधिकार दिवस के दिन हजारों लोगों ने पैदल मार्च निकालकर बांग्लादेश के हालातों पर रोष जताया।
मानवाधिकार मंच द्वारा आयोजित पैदल मार्च में भाजपा आरएसएस विश्व हिंदू परिषद सहित सामाजिक और हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए। इसके अलावा भाजपा विधायको नेताओं और साधु संतों ने भी पैदल मार्च में प्रतिभाग किया।
आज दोपहर में ही बड़ी संख्या में हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोग ऋषिकुल मैदान में एकत्र होने लगे जहां जमकर नारेबाजी की गई। उसके बाद ऋषिकुल से हर की पैड़ी तक गए पैदल मार्च कर रैली निकाली गई। हर की पौड़ी पहुंचकर भी जोरदार नारेबाजी हुई हनुमान चालीसा पाठ किया गया।
कार्यक्रम का संचालन सीए अनिल वर्मा ने किया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरी, महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानन्द, स्वामी विष्णुदास,बाबा हठयोगी, स्वामी मानदास, स्वामी प्रेमस्वरूप, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत रघुवीर दास, महंत ऋषिश्वरानन्द, महंत लोकेंद्र दास, महंत गंगा दास, किन्नर समाज से गुंजन बुआ के साथ ही शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत, पूर्व मंत्री व नगर विधायक मदन कौशिक, विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक सजंय गुप्ता, सुरेश राठौड़, श्रीगंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, श्रीपरशुराम अखाड़े के अधीर कौशिक, संकल्प संस्था परमो धर्म की अध्यक्ष रंजीता झा, महासचिव पं तरूण कुमार शुक्ला, कोषाध्यक्ष सुधा राठौर, अर्चना झा, भाजपा के जिला अध्यक्ष संदीप गोयल ओबीसी जिला अध्यक्ष प्रदीप कुमार ला महामंत्री आशुतोष चौधरी ,विकास तिवारी, ललित नैय्यर, अनिरुद्ध भाटी, भारत विकास परिषद जाह्नवी शाखा अध्यक्ष आरती नैय्यर, बलराम कपूर,आशु चौधरी, श्रीमती अनु कक्कड़ और तीनों मंडलों के अध्यक्ष तरुण नैयर , हीरा सिंह बिष्ट , राजेश शर्मा और दीपांशु विद्यार्थी, देवेश ममगई, विकल राठी, आकाश भाटी, विदित शर्मा आदि सहित मानवाधिकार मंच के संयोजक डॉ. यतीन्द्र नाग्यान, डॉ.अनुराग, बलदेव रावत, अनिल गुप्ता,अमित शर्मा और इस्कॉन के भक्त आदि मुख्य रूप सेउपस्थित थे।
उसके बाद भारत के राष्ट्रपति और यूएनओ को ज्ञापन भेजकर बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा के लिए दखल देने और शांति बहाल करने की मांग की गई।