बहादराबाद (हरिद्वार), 14 जून: उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा अभिगृहित ग्राम योजना के अंतर्गत गोद लिए गए गांवों बहादुरपुर सैनी, मीरपुर, बढेरी राजपूताना, शांतरशाह, मुलदासपुर माजरा में जन जागरूकता अभियान चलाया गया।
जिसमें बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, योगाभ्यास, स्वच्छता अभियान, संस्कृत प्रचार प्रसार अभियान तथा कैशलेस ट्रांजैक्शन) आदि कार्यक्रमों के द्वारा लोगों को जागरूक किया गया। कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र शास्त्री ने कहा कि जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से गांवों और शैक्षिक संस्थानों के बीच गहन संबंध स्थापित होगा। इससे ग्रामीण युवाओं को व्यापक लाभ प्राप्त होगा।
इस 5 दिवसीय गतिविधि में ग्राम बहादुरपुर सैनी की प्रधान श्रीमती उमा सैनी, ग्राम मीरपुर की प्रधान श्रीमती अनीता रानी एवं जिला पंचायत सदस्य, तथा ग्राम शांतरशाह की प्रधान श्रीमती सुरुचि सैनी, ग्राम मुलदासपुर माजरा के प्रधान श्री देवराज के नेतृत्व में ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
इस दौरान ग्रामीणों ने जोर देकर कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का संचालन निरंतर होते रहना चाहिए, जिससे लोग अधिक से अधिक जागरूक हो सकें। लोगों को जागरूक करने के लिए सभी ग्रामों में विभिन्न विषयों से संबंधित व्याख्यानों का आयोजन हुआ, जिसमें श्रीमती मीनाक्षी सिंह रावत ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत लोगों को जागरूक किया और विश्वविद्यालय के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक के द्वारा बेटी को शिक्षा देने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. सुमन प्रसाद भट्ट ने संस्कृत प्रचार- प्रसार अभियान के अंतर्गत संस्कृत भाषा का महत्व बताया और ग्रामीणों से दैनिक जीवन में संस्कृत के अभ्यास पर जोर दिया।
डॉ. राजेंद्र नौटियाल ने योग का अभ्यास करवाया तथा योग के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. सुशील कुमार चमोली ने कैशलेस ट्रांजैक्शन के विषय में जानकारी दी और लोगों को अधिक से अधिक कैशलेस ट्रांजैक्शन के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के संयोजक डा. अरुण कुमार मिश्र ने कहा कि इस सम्पूर्ण कार्यक्रम को इस प्रकार से नियोजित किया गया है, जिससे ग्रामीणों में व्यापक जागरूकता पैदा हो।
इस अभियान में मनोज गहतोड़ी, विद्यासागर जोशी, मनीष शर्मा , ऋतिका आर्या, वर्षा, छात्र संघ अध्यक्ष सागर खेमरिया, अंकित उनियाल, अमन दुबे तथा राजन पांचाल आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई।