राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में मनाया गया हिमालय दिवस l प्राचार्य प्रोफेसर प्रभात द्विवेदी के निर्देशन में कंप्यूटर कक्ष में पीपीटी के माध्यम से छात्र-छात्राओं को हिमालय बचाओ संरक्षण एवं संवर्धन से संबंधित जानकारी दी गई l
कार्यक्रम का संचालन डॉ कृष्णा डबराल द्वारा किया गया साथ ही उन्होंने हिमालय की महता एवं उपयोगिता से अवगत कराया
l इस अवसर पर वनस्पति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ अशोक कुमार अग्रवाल ने पीपीटी के माध्यम से माध्यम से जैव विविधता के खतरे, मूल्य और संरक्षण पर बताया साथ ही उन्होंने जलवायु परिवर्तन और घटते वनों से बढ़ता मानव और वन्यजीव संघर्ष के बारे में विस्तार से बताया l
भूगोल के प्राध्यापक डॉ दीपक धर्मसक्त्तू ने हिमालय की उत्पत्ति, पर्वत श्रृंखला साथ ही उन्होंने कहा कि हिमालय से निकलने वाली सदानीरा नदियों से करोड़ों लोगों का जीवन यापन हो रहा है, यदि समय रहते हिमालय का संरक्षण नहीं किया गया तो भविष्य में इसके दुष्प्रभाव देखने को मिलेंगे l
जंतु विज्ञान के प्राध्यापक डॉ बृजेश चौहान ने पीपीटी के माध्यम से हिमालय इकोसिस्टम वहां के वन्य जीव और जैव विविधता के विषय में विस्तार से बताया साथ हिमालय इकोसिस्टम क्षरण के कारणों व संरक्षण के उपायों पर विस्तार से बताया l
हिंदी की प्राध्यापिका डॉ शैला जोशी ने बताया कि आधुनिक सुख सुविधाओं के कारण मनुष्य पॉलिथीन का ज्यादातर प्रयोग कर रहा है, साथ ही उन्होंने कहा कि कूड़े कचरे का उचित निस्तारण होना पर्यावरण को क्षति पहुंचाता है l
प्राचार्य प्रोफेसर प्रभाव द्विवेदी ने कहा कि हिमालय के बचाव संबंधी जागरूकता तो ठीक है, परंतु जब तक हिमालय संरक्षण या हिमालय की उपयोगिता को हम ना समझे तब तक हिमालय संरक्षण संभव नहीं है अर्थात प्रत्येक नागरिक को हिमालय संरक्षण संबंधित विचार अपने व्यवहार में लाना होगा l
इस अवसर पर डॉ खुशपाल सिंह, डॉक्टर आलोक बिजलवान, डॉ मोनिका असवाल, डॉक्टर रामचंद्र नौटियाल, श्री मदन सिंह, आदि उपस्थित रहे l