उत्तराखण्ड राज्य के राजकीय महाविद्यालयों में शोध कार्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उच्च शिक्षा निदेशालय, उत्तराखण्ड एवं यू0जी0सी0 एच0आर0डी0सी0 कु0वि0, नैनीताल के संयुक्त तत्वाधान में राज्य स्तरिय कार्यशाला का आयोजन

        आज दिनांक 12 सितम्बर 2022 को उच्च शिक्षा निदेशालय, उत्तराखण्ड एवं यू0जी0सी0 एच0आर0डी0सी0 कु0वि0, नैनीताल के संयुक्त तत्वाधान में उत्तराखण्ड राज्य के राजकीय महाविद्यालयों में शोध कार्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक राज्य स्तरीय आॅनलाईन कार्यशाला का आयोजन किया गया,

जिसमें सर्वप्रथम प्रो0एन0के0 जोशी, कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल द्वारा समस्त प्रतिभागियों को राज्य में शोध कार्याें को प्रोत्साहित करने हेतु आवश्यक सुविधाओं तथा प्रयत्नों हेतु अवगत कराया गया।

श्री शैलेश बगोली, सचिव उच्च शिक्षा उत्तराखण्ड शासन द्वारा राज्य में संचालित समस्त राजकीय महाविद्यालयों में शोध कार्याें को बढ़ावा देने हेतु निर्देशित किया गया तथा इस क्षेत्र में शासन द्वारा इन महाविद्यालयों को वर्चुअल लैब, आवश्यक प्रयोगशाला उपकरण तथा मोडल काॅलेज के प्रस्तावों से भी अवगत कराया गया। साथ ही राज्य में धार्मिक पर्यटन, औषधिय वनस्पति, साहसिक पर्यटन तथा कौशल एवं स्व-रोजगार विकास इत्यादि क्षेत्रों में शोध कार्य करने हेतु सुझाव दिये।

प्रो0 सन्दीप कुमार शर्मा शोध के मूल सिद्धांतों पर ज्ञान विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। इससे पूर्व भी एक कार्यशाला राजकीय महाविद्यालयों में नैक प्रत्यायन तैयारियों हेतु आयोजित की गयी थी।

उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखण्ड, राजकीय महाविद्यालया को शिक्षा व शोध के क्षेत्र में उन्नत कर नये आयामों को प्राप्त करने हेतु निरन्तर प्रयासरत है।

        इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो0 रजत अग्रवाल, आई0आई0टी0 रूड़की, उत्तराखण्ड द्वारा शोध प्रस्ताव लेखन विषय पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। जिसमें आवश्यक व अति महत्वपूर्ण चरणों के विषय में चर्चा की गयी तथा यह भी सुझाव दिये गये कि शोधार्थियों को उत्तराखण्ड राज्य की प्रमुख समस्याओं व अवसरों पर शोध कर उत्तराखण्ड शासन को प्रस्ताव भेजे जाने चाहिए जिससे भावी योजनायें बनाने में सहायता मिल सकेंगी।

        इस कार्यक्रम के द्वितीय मुख्य वक्ता प्रो0 अरूण सिदराम खरत, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा इन शोध प्रस्तावों को गुणवत्ता तथा शोध द्वारा प्राप्त विभिन्न परिणाम/निष्कर्ष तथा सुझाव को पाठकों तथा सरकार तक प्रस्तुत करने हेतु इसे उच्च कोटि के प्रकाशन भवन में शोध पत्र के रूप में किस तरह प्राकशन किया जाये, जैसे महत्वपूर्ण विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।

         इस कार्यक्रम के अन्त में श्री प्रशान्त कुमार आर्य, अपर सचिव उत्तराखण्ड शासन, देहरादून द्वारा उत्तराखण्ड शासन के उच्च शिक्षा में शोध के क्षेत्र में संकल्प तथा योजनाओं से अवगत कराते हुए समस्त अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

आयोजक सचिव डाॅ0 गोविन्द पाठक, सहायक निदेशक डाॅ0 चमन कुमार, राज्य नोडल अधिकारी-डिजिटल इनिशियेटिव, डाॅ0 विनय देवलाल, राज्य नोडल अधिकारी-डिजिटल इनिशियेटिव तथा संयोजक प्रो0 दिव्या उपाध्याय जोशी, निदेशक यू0जी0सी0 एच0आर0डी0सी0 कु0वि0, नैनीताल तथा डाॅ0 रितेश शाह सहायक निदेशक यू0जी0सी0 एच0आर0डी0सी0 कु0वि0, नैनीताल थे।

       उक्त कार्यक्रम में लगभग समस्त राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य तथा शोध संयोजकों आदि ने प्रतिभाग किया।