सिनेमा हॉल मालिकों को हॉल के अंदर खाने-पीने की चीजों की बिक्री के नियम तय करने का पूरा हक है। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को यह बात कही।

CJI ने कहा, ‘सिनेमा देखने वालों के पास इन आइटम को न खरीदने का विकल्प है।’ कोर्ट ने ये भी दोहराया कि सिनेमाघरों को बिना किसी शुल्क के पेयजल उपलब्ध कराना जारी रखना होगा।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने याचिका पर सुनवाई की। बेंच ने कहा कि सिनेमा हॉल प्राइवेट प्रॉपर्टी है और वह इस तरह के नियम-शर्तें लागू कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई दर्शक सिनेमा हॉल में प्रवेश करता है, तो उसे सिनेमा हॉल के मालिक के नियमों का पालन करना होगा। मल्टीप्लेक्स में खाना बेचना कॉमर्शियल मामला है।

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें मल्टीप्लेक्स और मूवी थिएटरों में लोगों को खुद का खाने-पीने का सामान ले जाने की अनुमति दी गई थी। कोर्ट थिएटर मालिकों और मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से हाईकोर्ट के 2018 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका के एक बैच पर सुनवाई कर रहा था।

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