हरिद्वार: पुलिस ने फर्जी मेडिकल बनाने के आरोप में एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। दरअसल पकड़ा गया चिकित्सक रुड़की सिविल अस्पताल में करीब तीन वर्ष पूर्व कई फर्जी मेडिकल बना चुका है। पकड़े गए चिकित्सक से पुलिस पूछताछ कर रही है। इसके साथ ही अन्य कर्मचारियों को 41 का नोटिस देकर पूछताछ करेगी।
जानकारी के अनुसार 19 जून 2020 को सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय कंसल ने गंगनहर कोतवाली पुलिस को बताया था कि रेडियोलॉजी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नोएडा से प्राप्त सीटी स्कैन रिपोर्ट को कूटरचित कर फर्जी तरीके से इरशाद निवासी घड़ी संघीपुर, सलमान निवासी बुढाहेड़ी, राशिद निवासी पीरपुरा और फरहानाज निवासी टांडा भनेड़ा कोतवाली मंगलौर का फर्जी मेडिकल तैयार कराकर उसको मेडिकोलिगल में इस्तेमाल किया गया था।
फर्जी मेडिकल बनाने में रुड़की के सिविल अस्पताल के चिकित्सक वीरेंद्र नौटियाल की भूमिका पाई गई थी। बताया था कि उनके यहां होने वाले सीटी स्कैन की रिपोर्ट का करार नोएडा की इस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ है। इस मामले में गंगनहर कोतवाली पुलिस ने डॉ वीरेंद्र नौटियाल समेत अन्य पर मुकदमा दर्ज किया था।
मुकदमें की विवेचना के दौरान प्रकाश में आया कि आरोपी चिकित्सक बिरेन्द्र नौटियाल द्वारा सिविल अस्पताल रुडकी मे अपनी तैनाती के दौरान वर्ष 2019 व 2020 में पैसे लेकर फ़र्जी सिटी स्कैन व एक व्यक्ति के 3-3 मेडिकल मेडिकल बनाए गए।
संलिप्तता स्पष्ट होने पर अभियुक्त को जुर्म धारा 420, 467, 468, 469, 471, 120 बी भादवि के तहत मेडिकल परीक्षण कराकर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है। पकड़े गए आरोपी की पहचान बिरेन्द्र कुमार नौटियाल पुत्र श्री महेन्द्र सिह निवासी ग्राम भगतोवाली झबरेडा के रूप में हुई।
इस मामले की जांच गंगनहर कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक रंजीत खनेड़ा कर रहे थे, जांच पड़ताल के बाद सोमवार को डॉ वीरेंद्र नौटियाल निवासी भक्तों वाली थाना झबरेड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया। बताया गया है कि वर्ष 2017-18 में वीरेंद्र नौटियाल संविदा पर रुड़की के सिविल अस्पताल में तैनात थे, इसके बाद 2018 में वह सिविल अस्पताल में स्थाई रूप से चिकित्सक के रूप में तैनात हुए थे। जून 2020 में मुकदमा दर्ज होने के बाद सिविल अस्पताल से हटाकर लक्सर क्षेत्र के खानपुर स्थित सरकारी अस्पताल में भेजा गया था।