श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के उद्यमिता विकास कार्यक्रम के नौवें दिन शैक्षणिक और कॉर्पोरेट क्षेत्र के अनुभवी डॉ. दीपक कौशल ने स्टार्टअप एकोसिस्टम की आवश्यकता पर महत्वपूर्ण चर्चा की।
उन्होंने उद्यमिता के क्षेत्र में नवाचार की दिशा में मार्गदर्शन किया और सभी को उद्यमिता में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
डॉ. कौशल की विशेषज्ञता मार्केटिंग प्रबंधन, सेवा की विपणन, और रणनीतिक प्रबंधन जैसे विषयों में है। उन्होंने सामाजिक मीडिया के प्रभाव और आपूर्ति श्रृंखला जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की। उनका योगदान उद्यमिता में जागरूकता और ज्ञान को बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
इसके अलावा, उत्तराखंड की एक सफल उद्यमी श्रीमती बीना जखमोला ने भी उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं पर अपने अनुभव साझा किया और उद्यमियों को नई दिशा में सोचने और क्रियान्वयन करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने स्टार्टअप्स को विकसित करने के लिए नए दृष्टिकोण और योजनाओं के साथ मार्गदर्शन किया। उन्होंने हर्बल भीमल शैम्पू का निर्माण किया है, जो उनके व्यवसायिक नजरिये और उद्यमिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
देवभूमि उद्यमिता योजना की नोडल अधिकारी, प्रोफेसर अनिता तोमर ने समाज में उद्यमिता की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करते हुए बताया कि आज किसी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए उद्यमिता और नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका है।
सामाजिक उद्यमिता के उदय से साथ ही, व्यापारिक मुनाफा के साथ सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव पर ध्यान केंद्रित करने का एक बड़ा बदलाव आया है। चुनौतीपूर्ण विश्व समस्याओं का सामना करने वाले
सामाजिक उद्यमियों के समाचार, गैर-सरकारी संगठनों या सरकारी एजेंसियों के साथ साझेदारी, और प्रभाव मापन के मापन के ढांचे, व्यावसायिक परिवर्तन में उद्यमिता के बढ़ते महत्व को दर्शाते हैं।
श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी के वाईस-चांसलर, माननीय प्रोफेसर एन.के. जोशी ने बताया कि उद्यमिता पारिस्थितिकियों में समावेश और विविधता को प्रोत्साहित करता है। उद्यमिता की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करने और व्यावसायिक परिवर्तन में उद्यमिता की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाने लिए उद्यमिता विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।