राजकीय महाविद्यालय पाबौ में दिनांक 15 नवंबर 2024 को “जनजातीय गौरव दिवस” के उपलक्ष में भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती पर ऑनलाइन माध्यम से विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका शीर्षक था “भगवान बिरसा मुंडा का राष्ट्र उत्थान एवं समाज उत्थान में योगदान”।
यह विचार गोष्ठी राजकीय महाविद्यालय पाबौ एवं राजकीय महाविद्यालय मोरी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की गई| कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता राजकीय महाविद्यालय मोरी के प्राचार्य प्रोफेसर रामकृपाल वर्मा रहे।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार के आयोजन हमें राष्ट्र के प्रति और समर्पित बनाते और हमें यह याद दिलाते रहते हैं कि जिस प्रकार के स्वतंत्र भारत की कल्पना की गई थी उस भारत का सपना साकार करने के लिए हमें सदैव प्रयासरत रहना चाहिए| कार्यक्रम की अध्यक्षता राजकीय महाविद्यालय पाबौ के प्राचार्य प्रोफेसर सत्य प्रकाश शर्मा ने की।
अपने अभिभाषण में उन्होंने बताया की बिरसा मुंडा जैसी महान विभूतियां समय की मोहताज नहीं होती| अपने केवल 25 वर्ष के जीवन काल में भी बिरसा मुंडा ने जनजातीय समुदाय के हितों के लिए जो संघर्ष किया वह अविस्मरणीय है ,इसीलिए उन्हें भगवान की उपाधि दी गई।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ.सौरभ सिंह ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा ने साहूकारों, जमीदारों तथा अंग्रेजी सरकार से विद्रोह कर जनजातीय समुदाय को अपने हक के लिए जागरूक किया| इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ.धनेंद्र सिंह ने बिरसा मुंडा के अंग्रेजी सरकार के खिलाफ उलगुलान विद्रोह पर प्रकाश डाला और बताया कि उन्होंने जल, जंगल और जमीन बचाने के लिए अपने समुदाय को प्रेरित किया।
इसी कड़ी में हिंदी विभाग की प्राध्यापिका डॉ.सरिता द्वारा बताया गया की बिरसा मुंडा सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा के भी पक्षधर थे और वह सदैव चाहते थे कि हमारे समाज में हमारा ही राज होना चाहिए इसलिए, हमारी जमीनों पर किया गया अवैध कब्जा वैधानिक नहीं है। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय में सांस्कृतिक समिति की प्रभारी डॉ.तनुजा रावत द्वारा किया गया।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार के महान दिवस हमें हमारे गौरवशाली इतिहास एवं विभूतियों के बारे में जागरुक करते हैं और हमें प्रेरित करते हैं कि हम अपने-अपने स्तर से भारत के उज्जवल भविष्य के लिए प्रयासरत रहे।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक गण, छात्र-छात्राओं एवं कर्मचारी गणों ने प्रतिभाग किया।