हरिद्वार:  धनौरी पी.जी. कॉलेज में दिनांक 21 फरवरी, 2025 को हिंदी विभाग और समाजशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वाधान में हिंदी साहित्य के महाप्राण कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की जयंती और अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में छात्र–छात्राओं हेतु प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में प्राचार्य महोदय ने अपनी शुभकामना प्रदान करते हुए कहा कि अन्य देशों के तरह ही भारतवर्ष के नागरिकों सहित छात्र–छात्राओं को भी अपनी मातृभाषा के प्रति स्नेह और लगाव का भाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकांश भारतीय जनों की मातृभाषा कहीं न कहीं हिंदी भाषा या उसकी उप भाषा हैं।

अत: इन भारतीय भाषाओं के संरक्षण पर जोर देना चाहिए। संगोष्ठी में डॉ. गौरव कुमार मिश्र ने अपने संबोधन में हिंदी साहित्य के कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के अवदान एवं रचनागत विशिष्टता को उद्घाटित किया।

उन्होंने कहा कि केवल भारतवर्ष में ही 800 से अधिक भाषाएं बोली जाती है और इसके अतिरिक्त अन्य भारतीय भाषाएं विलुप्त होने की कगार पर हैं जिनको संरक्षित करने की आवश्यकता हैं।

उन्होंने कहा कि भाषा संस्कृति और सभ्यता की संवाहक भी हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बहुभाषावाद पर बल दिया गया हैं। डॉ. शौर्य ने मानवीय चेतना और सामाजिक स्तर पर भाषा के महत्व को बताया।

संगोष्ठी में हिंदी विभाग प्रभारी डॉ. गुड्डी चमोली, डॉ . रोमा और समाजशास्त्र विभाग सहायक आचार्य डॉ. किरण सहित आईटी प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ. अर्पित सिंह उपस्थिति रहें। कार्यक्रम में संचालन डॉ. गौरव कुमार मिश्र के द्वारा किया गया।

संगोष्ठी एवं प्रतियोगिता में स्नातक और परास्नातक हिंदी विषय के छात्र–छात्राओं के अतिरिक्त अन्य विषयों के छात्रों ने भी प्रतिभाग किया।

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