आज दिनांक 3 मार्च 2024 को इंदिरा प्रियदर्शिनी राजकीय स्नातकोत्तर महिला वाणिज्य महाविद्यालय हल्द्वानी की एनएसएस इकाइयों का विशेष शिविर का विधिवत शुभारंभ हुआ।
शिविर में सर्वप्रथम कार्यक्रम अधिकारियों सहित सभी स्वयंसेवियों ने यज्ञ हवन में आहुति दी इसके पश्चात उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में भारत विकास परिषद के अध्यक्ष भगवान सहाय, विशिष्ट अतिथि के रूप में महाविद्यालय की हिंदी विभाग की प्रभारी डॉ0 नीता शाह डॉ0 प्रभा साह एवं डॉ रूमा शाह ने शिरकत की।
उद्घाटन सत्र में अतिथियों का बैज लगा कर स्वागत किया गया दीप प्रज्ज्वलित कर सत्र को प्रारम्भ किया। स्वयं सेवियों ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत गाया।
स्वयंसेवियों को सम्बोधित करते हुए विशिष्ठ अतिथि डॉ0 नीता साह ने कहा कि स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के माध्यम से छात्र युवाओं के व्यक्तित्व और चरित्र का विकास करना इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य है।
सेवा के माध्यम से शिक्षा यह एनएसएस का उद्देश्य है। डॉ0 प्रभा साह ने कहा कि अनुशासित हो कर जिस समुदाय में काम कर रहे हैं, उसे समझना।
समुदाय की समस्याओं को जानना और उन्हें हल करने के लिए उनको शामिल करना। सामाजिक और नागरिक जिम्मेदारी की भावना का विकास करना। समूह स्तर पर जिम्मेदारियों को बांटने के लिए आवश्यक क्षमता का विकास करना। आपातकाल और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए उनको विकसित करना इस प्रकार के शिविरों का ध्येय है।
डॉ0 रूमा शाह ने एनएसएस के प्रतीक पुरुष के बारे में बताते हुए कहा कि मानव सेवा एंव युवा चेतना के प्रतीक स्वामी विवेकानन्द को राष्ट्रीय सेवा योजना का प्रेरणा पुरूष माना गया है।
स्वामी विवेकानंद को वर्ष 1984-85 अंतर्राष्ट्रीय युवा वर्ष के अंतर्गत भारत सरकार ने युवाओं का प्रतीक पुरूष मान्य किया तबसे ही राष्ट्रीय सेवा योजना में उन्हें अपने प्रतीक पुरूष के रूप में मान्य किया गया।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 रितुराज पंत ने जीवन में अनुशासन की महत्ता बताते हुए कहा कि जीवन में अनुशासन सही दिशा देता है, समय की अच्छी व्यवस्था करता है, दृढ़ता और समर्पण को विकसित करता है। यह हमको को संयमित रखता है और सामरिक जीवन में नियमितता लाता है।
अनुशासन के बिना, व्यक्ति की प्रगति ही नहीं हो सकती है। अनुशासन एक महत्वपूर्ण गुण है जो हमारे जीवन में बहुत महत्व रखता है और इसकी पूर्ति के लिऐ इस प्रकार के विशेष शिविर अपना एक प्रमुख स्थान रखते हैं।
मुख्य अतिथि भगवान सहाय ने कहा कि हमको सबसे पहले खुद को स्वस्थ्य रखना है क्योंकि स्वस्थ्य तन में ही एक स्वस्थ्य मन रहता है और जब मन स्वस्थ्य होगा तो स्वयं से शुरू करते हुए राष्ट्र निर्माण की ओर अग्रसर होंगेऔर राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं।
प्रभारी एनएसएस डॉ0 ललिता जोशी ने विशेष शिविर के बारे में विस्तार से बताते हुऐ कहा कि एक छात्रा स्वयंसेवक जिसने 240 घंटे का काम पूरा किया है और दो साल के दौरान एक विशेष शिविर में भाग लिया है, वह विश्वविद्यालय से राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) प्रमाणपत्र के लिए पात्र है।
यह प्रमाणपत्र उच्च अध्ययन के लिए महत्व देता है और सार्वजनिक सेवाओं में नियुक्ति के लिए एक अतिरिक्त योग्यता है ।
इसके पश्चात बौद्धिक सत्र में मुख्य वक्ता डॉ0 कमला पशुचिकित्सक फतेहपुर ने छात्राओं को पशुपालन विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया साथ ही इसमें स्वरोजगार के क्षेत्र में खुद को सशक्त करने की बात बताई एवं उद्घाटन सत्र का विधिवत समापन किया गया।
इस अवसर पर सुनील खाती, चंद्र शेखर भट्ट सहित स्वयंसेवियों उपस्थित रहीं।