• अंतराष्ट्रीय महिला दिवस (International women’s day) पर विशेष
  • दुनिया आगे बढती जाये रहे क्यों पीछे नारी रे….

जिस प्रकार गाडी दो पहियों के बिना नहीं चल सकती ठीक उसी प्रकार परिवार, समाज, देश बिना नारी शक्ति के आगे नहीं बढ़ सकता है।

भारत के इतिहास में पुरूषों के बलिदान के साथ साथ हमने सबने महिलाओं के बलिदान की सत्य घटनाओं को पढा और अपने बडों से सुना है। राजस्थान वीर भूमि हैं।

जहाँ भक्तिमति मीरा बाई, जौहर की चिता में जीवित प्राण त्यागने वाली रानी पद्मिनी, पुत्र का बलिदान करने वाली माता पन्ना धाय, पर्यावरण और वृक्षों की रक्षा के लिए अपनी बेटियों के साथ जीवन की आहुति देकर अपना नाम अमर करने वाली अमृता देवी विश्वनोई, ओलंपिक में पदक जीतने वाली कृष्णा पूनिया, अवनी लेखरा, समाज सेवी रूमा देवी, डिप्टी कमांडेंट तनुश्री, श्रीमती प्रसन्ना भंडारी, सितार वादक श्रीमती मंजू नदंन मेहता,ध्रुपद गायिका डाॅ 0 मधु भट्ट तैलंग, नृत्यांगना डॉ 0 शशि सांखला, अनिता ओर्डिया, गायिका इला अरूण, प्रेरणा श्रीमाली, आदि नाम उल्लेखनीय है।

कोटा की बेटियाँ भी पीछे नहीं है उन्होंने भी प्रदेश का मान विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ाया है।

मेरी अल्प जानकारी के अनुसार कोटा की  प्रथम महिला महामंडलेश्वर स्वामी हेमा सरस्वती जी प्रथम विधायक स्व0 नगेंद्र बाला, प्रथम महापौर सुमन श्रृंगी, विधायक रानी कल्पना देवी, विधायक चंद्र कांता मेघवाल, महापौर डॉ 0 रत्ना जैन, खिलाड़ी अरूंधती चौधरी, गायिका रेखा राव,सितार गुरु सुधा अग्रवाल सह आचार्य प्रेरणा शर्मा, गायिका गुरु संगीता सक्सेना, गायिका ब्रांड एम्बेसेडर आस्था सक्सेना , समाज सेवी प्रसन्ना भंडारी, डॉ 0 एकता धारीवाल, निधि प्रजापति, स्पेशल शिक्षक मीनाक्षी सक्सेना, न्यायाधीश डाॅ बीना जैन’दीप’  प्रशासनिक अधिकारी आराधना सक्सेना, भागवंती जेठवानी, पूजा पार्थ, नीतू सिंह, भारती मीणा, वीरांगना बबीता शर्मा, लेखिका एवं शिक्षिका डॉ 0 अपर्णा पांडे, डॉ 0 कंचना सक्सेना, पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ 0 फातिमा सुल्ताना, शिक्षा विद श्रीमती लीला आडे, आटो रिक्शा चालक रानी हाडा, जैसे अनगिनत नाम हैं।

अगर हम गहनता से देखें तो आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरूषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं ।

आज की नारी ही देश का स्वाभिमान हैं, उसकी शान हैं।

हे नारी!तू महान हैं। तेरे बिना यह देश,यह समाज,यह परिवार सब कुछ अधूरा है।

तुझसे ही इस जहां की खुशियां हैं।

तू ही तो हौसलों की उड़ान हैं।हे नारी! तू कितनी महान हैं।

 

लेखिका:

अंतिमा कुमारी अनंत

एम ए संगीत स्नातकोत्तर की छात्रा हैं