उत्तराखंड: शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर सिंह विष्ट ने निजी विद्यालयों को फीस वृद्धि को लेकर मनमानी न करने के निर्देश दिए हैं।

शिक्षा निदेशालय में स्कूल प्रबंधकों एवं प्रधानाचार्यों के साथ हुई बैठक में कहा, अचानक फीस नहीं बढ़ाई जानी चाहिए।

शिक्षा निदेशक ने कहा, बच्चों के स्कूल में दाखिले के दौरान ही यह तय हो जाना चाहिए कि हर साल फीस में कितनी वृद्धि होगी। ताकि अभिभावक इसके लिए पहले से तैयार रहें, लेकिन देखने में आया है कि निजी स्कूल अचानक फीस में मनमाने तरीके से वृद्धि कर रहे हैं।

अगले शिक्षा सत्र में कितनी फीस बढ़ेगी इसे स्कूल के नोटिस बोर्ड में भी चस्पा किया जाना चाहिए।

निदेशक ने यह भी कहा, स्कूल परिसर में किताबें नहीं बिकनी चाहिए। इसके अलावा किसी अभिभावक कोशिक्षा निदेशालय में हुई बैठक में शिक्षा निदेशक ने दिए निर्देशकिसी खास दुकान से पाठ्य पुस्तकें खरीदने के लिए न कहा जाए।

बैठक में निजी विद्यालयों की ओर से बताया गया कि आरटीई के तहत मान्यता के लिए शिक्षा विभाग की ओर से 10 हजार रुपये शुल्क लिया जा रहा है। स्कूल पहले से मान्यता प्राप्त हैं, ऐसे में उनसे इस तरह का शुल्क न लिया जाए।इसके अलावा जो स्कूल पहले शुल्क जमा करा चुके हैं। उनसे मान्यता नवीनीकरण के नाम पर शुल्क मांगा जा रहा है।

शिक्षा निदेशक ने कहा, इस मसले पर शासन को विशेष रिपोर्ट भेजी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा, अभिभावक फीस के संबंध में आरटीआई के तहत विद्यालयों से सूचना ले सकते हैं।