वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में प्राचार्य प्रोफेसर जी आर सेमवाल के दिशा निर्देशन में हिंदी दिवस समारोह 14 सितंबर 2023 के अवसर पर हिंदी विभाग राजभाषा प्रकोष्ठ एवं आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वाधान में विभाग प्रभारी डॉक्टर अरविंद कुमार अवस्थी एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ मंजू गौतम के द्वारा महाविद्यालय स्तरीय सस्वर काव्य पाठ का संक्षिप्त प्रतियोगिता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के प्रसिद्ध साहित्यकार, यात्रा वृत्तांत लेखक, श्री हेमचंद सकलानी उपस्थित हुए। हिंदी दिवस समारोह में लगभग 100 छात्र छात्राओं ने उपस्थिती दी एवं 20 छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया।

मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी  डॉ दीप्ति बगवाड़ी ने बताया कि कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अवस्थी एवं डॉक्टर गौतम ने संयुक्त रूप से किया। डॉ अवस्थी ने सस्वर काव्य पाठ किस प्रकार किया जाता है तथा हिंदी भाषा का प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में क्या महत्व है आदि विषय के बारे में चर्चा की, साथ ही उन्होंने बताया कि पहले हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था, तब भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में याद करने का निर्णय लिया था।

14 सितंबर के दिन हिंदी दिवस मनाने की एक वजह यह भी है कि इस दिन साल 1916 में व्योहार राजेंद्र सिंह का जन्म हुआ था जिन्होंने हिंदी को देवनागरी स्क्रिप्ट में लाने में मुख्य भूमिका निभाई थी।

वरिष्ठ प्राध्यापक एवं संस्कृत विभाग के विभाग प्रभारी प्रोफेसर आर एस गंगवार ने बताया कि हिंदी का इतिहास लगभग 1000 वर्ष पुराना माना गया है। संस्कृत भारत की सबसे प्राचीन भाषा है, जिसे आर्य भाषा या देव भाषा भी कहा जाता है।

हिंदी इसी आर्य भाषा संस्कृत की उत्तराधिकरणी मानी जाती है। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित श्री सकलानी जी ने बताया कि स्वतंत्रता के बाद से क्षेत्रीय भाषाओं का चलन बढ़ा तथा किस प्रकार हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया।

उन्होंने बताया कि समकालीन लेखकों के अथक प्रयास के उपरांत ही हिंदी को विशेष दर्जा प्राप्त हो पाया। इसके पश्चात सस्वर काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें निर्णायक मंडल की भूमिका में डॉक्टर मंजू गौतम, डॉक्टर राजकुमारी भंडारी एवं डॉ मनोरथ नौगाई रहे।

काव्य पाठ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर कुणाल बी ए द्वितीय सेमे, द्वितीय स्थान पर तुषार बी ए द्वितीय वर्ष एवं तृतीय स्थान पर आयुष पंवार बी ए प्रथम सेमे रहे।

अंत में प्राचार्य द्वारा समस्त प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी एवं छात्र-छात्राओं को सस्वर काव्य पाठ के बारे में बताया कि कविता को लय में पढ़ना आना चाहिए।

यदि हम कविता को लय में नहीं पढ़ते तो वह हमें अच्छे तरीके से समझ नहीं आती, इसलिए यह आवश्यक हो जाता है की कविता को अच्छे से अच्छे लय में पढ़ें, जिससे सामने वाले को अच्छे से कविता समझ में आ जाए।

कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि के कर कमलो द्वारा महाविद्यालय पत्रिका कालिंदी का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम में प्राध्यापक वर्ग में डॉ राखी डिमरी, डॉ विजय बहुगुणा, डॉ रोशन केष्टवाल, डॉ आर पी बडोनी, डॉ मनोरथ नौगाई, डॉ हरीश, डॉ परवेज़, डॉ डी के भाटिया, डॉ राकेश मोहन नौटियाल, डॉ दीप्ति बगवाड़ी, श्री अशोक कुमार, श्रीमती भावना गर्ग आदि उपस्थित रहे।