- देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत शुरू किया गया 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम एवं उत्तराखंड भारत स्काउट एंड गाइड्स के अंतर्गत डाकपत्थर महाविद्यालय के रोवर्स और रेंजर्स ने प्राप्त किया निपुण प्रमाण पत्र।
वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में आज दिनांक 16 मार्च 2024 को तीन चरणों में कार्यक्रमों को संपन्न किया गया।
जिसमें सर्वप्रथम भौतिक विज्ञान के सहायक आचार्य डॉ योगेश भट्ट के द्वारा आयोजित की जा रही दो दिवसीय कार्यशाला का आज सफल समापन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रोफेसर जी आर सेमवाल द्वारा की गई। सेमिनार का संचालन कुमारी प्रांजल जोशी एम ए चतुर्थ सेमेस्टर के द्वारा किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ प्राचार्य द्वारा मुख्य अतिथि प्रोफेसर वर्षा पार्चा, रसायन विज्ञान विभाग डॉल्फिन पीजी इंस्टिट्यूट ऑफ़ बायोमेडिकल एंड नेचुरल साइंस, देहरादून, अति विशिष्ट अतिथि डॉ दीपक सेमवाल, फोटोकेमेस्ट्री विभाग, उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय देहरादून, विशिष्ट अतिथि डॉ सर्वेश सुयाल, वनस्पति विज्ञान विभाग,डीबीएस पीजी कॉलेज देहरादून का स्वागत एवं अभिनंदन कर किया गया।
कार्यशाला के सत्र अध्यक्ष की भूमिका प्रोफेसर अरविंद कुमार अवस्थी द्वारा निभाई गई। सत्र के प्रथम चरण में मुख्य वक्ता प्रोफेसर वर्षा द्वारा *बायोएक्टिव कंपाउंड्स ड्राइविंग फोर्सज बिहाइंड न्यू थैरेपिस* विषय पर अपना व्याख्यान दिया गया।
उन्होंने बताया कि बायोएक्टिव यौगिकों में शरीर में ऐसी क्रियाएं होती हैं जो अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकती हैं। कैंसर, हॄदय रोग और अन्य बीमारियों की रोकथाम में इनका अध्ययन किया जा रहा है।
द्वितीय वक्ता डॉ दीपक सेमवाल ने फ्रॉम फोकलोर टू लैब: पपाया लीव्स जर्नी टू कॉम्बैट डेंगू विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
उन्होंने बताया कि पारंपरिक चिकित्सा में कैरीका पपीता का उपयोग घाव भरने, कैंसर रोधी, हाईपोलिपिडेमिक और हाईपोगलाईसेमिक गुणों के कारण एक चिकित्सीय एजेंट के रूप में किया जाता है।
इसके अर्क का उपयोग पाचन विकारों, गठिया, दाद,और उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए भी किया जा रहा है।
तृतीय वक्ता डॉ सुयाल ने *रिसर्च मेथाडोलॉजी एंड इंप्लीमेंटेश* विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने रिसर्च क्या है,रिसर्च की विशेषताएं क्या हैं, विषय को समझाते हुए बताया कि व्यवस्थित, तार्किक, प्रयोग सिद्ध ,आसान, अनुकरणीय, विश्वसनीयता एवं सत्यता आदि रूपों में रिसर्च या शोध संपन्न की जाती है।
साथ ही उन्होंने रिसर्च के प्रकारों पर भी प्रकाश डाला जैसे शुद्ध एवं प्रयुक्त अनुसंधान, खोजपूर्ण या सूत्रात्मक अनुसंधान, वरुणनात्मक अनुसंधान, डायग्नोस्टिकस्टडी, मूल्यांकन अध्ययन, कार्रवाई पर शोध, प्रायोगिक अनुसंधान, विश्लेषणात्मक अध्ययन या सांख्यिकीय विधि आदि के विषय में विस्तार से जानकारी दी।
इसके पश्चात राजकीय महाविद्यालयों से उपस्थित प्राध्यापक वर्ग ने रिसोर्स परर्सन्स के रूप में अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये, जिसमें डॉक्टर शुभम काला, जयहरीखाल महाविद्यालय, डॉक्टर मंजू लता यादव नैनीडांडा महाविद्यालय, डॉक्टर अंजना फरसवान अगस्तयमुनि महाविद्यालय, डॉ नवीन खनुडी अगस्तयमुनि महाविद्यालय, डॉ बद्रीश बडोनी, सेंदुल महाविद्यालय, टिहरी गढ़वाल, डॉक्टर शिवप्रसाद पुरोहित अगस्त्यमुनि महाविद्यालय आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन प्रोफेसर अरविंद कुमार अवस्थी द्वारा किया गया, जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रमों के द्वितीय चरण में आज देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत उद्यमिता विकास कार्यक्रम का शुभारंभ नोडल अधिकारी डॉक्टर हरिश्चंद्र के द्वारा किया गया। इस योजना की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर जी आर सेमवाल द्वारा की गई, जिसमें उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को बताया कि वैश्विक परिदृश्य में इस प्रकार की योजनाओं के माध्यमों से समाज में रोजगार के नए अवसरों का सृजन हो रहा है, एवं युवक युवतियों को रोजगार के नए-नए अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं।
नोडल अधिकारी डॉ हरीश ने बताया कि 12 दिवसीय उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम, जो की 16 मार्च से शुरू हुआ है, आगामी 27 मार्च तक संपन्न किया जाएगा।कार्यक्रम में प्रशिक्षण हेतु लगभग 45 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है।
कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने के लिए भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद की ओर से श्री अनस, श्री हर्ष एवं श्री मोहसिन उपस्थित हुए, जो 12 दिनों तक छात्र-छात्राओं को उद्यमिता विकास संबंधी योजनाओं के अवसरों एवं उपयोग व प्रयोग की विधियों पर विस्तार से चर्चा परिचर्चा करेंगे।
कार्यक्रम में प्राध्यापक वर्ग में वरिष्ठ प्राध्यापक प्रोफेसर आर एस गंगवार, डॉ राखी डिमरी, मुख्यशास्ता डॉ रोशन लाल, मीडिया प्रभारी डॉक्टर दीप्ति बगवाड़ी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री मनमोहन एवं देवभूमि उद्यमिता योजना के सदस्यों में डॉक्टर सीमा पुंडीर, डॉक्टर के के बंगवाल, एवं श्रीमति अंजलि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में उत्तराखंड भारत स्काउट गाइड के अंतर्गत रोवर एवं रेंजर्स का पांच दिवसीय निपुण व राज्य स्तरीय परीक्षा जांच शिविर का आयोजन संपन्न हुआ, जिसमें डाकपत्थर महाविद्यालय से सात रोवरस, अंशुल कोटनाला,अभिषेक पंचाल, नितिन, शुभम, शुभम कुमार, मुकेश भारती एवं आशीष, तीन रेंजर्स मैं ईशु, रिपीना, व आरती ने प्रतिभाग किया एवं सफलता पूर्वक निपुण जांच परीक्षा पास की।
प्राचार्य प्रोफेसर जी आर सेमवाल द्वारा आज इन सभी रोवर एंड रेंजर्स लीडर्स को प्रमाण पत्र वितरित कर शुभकामनाएं दी गई।
रोवर एंड रेंजर्स दल का नेतृत्व रोवर लीडर डॉ विनोद रावत के द्वारा किया गया, साथ ही डॉ रावत द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने पर इनको उत्कृष्ट प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।
पांच दिवसीय शिविर में रोवर एंड रेंजर्स ने नियम प्रतिज्ञा, वर्दी, सैल्यूट, रोवर रेंजर गीत,झंडा की जानकारी, दिशा ज्ञान, नक्शा बनाना, कैंप क्राफ्ट, मैपिंग, गांठे बांधना, व प्राथमिक चिकित्सा आदि के बारे में विशेष जानकारियां प्राप्त की।