नवल टाइम्स न्यूज़: देश की संप्रभुता की रक्षा की जिम्मेदारी सेना की होती है और हमारी तीनों सेनाएं निरंतर सरहदों की रक्षा में तत्पर है ।वन रैंक वन पेंशन का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों की एक तरफा निर्णय की वजह से 97% जवानों की पेंशन प्रभावित हुई है।
देश की सैनिक संस्थाओं ने अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए संवैधानिक एवं शांतिपूर्ण आंदोलन का सहारा लिया है जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से पूर्व सैनिक एवं वीर नारियों हिस्सा ले रही हैं ।
दिनांक 12 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन का नेतृत्व वॉइस ऑफ एक्स-सर्विसमैन सोसाएटी नाम की संस्था कर रही है। इस प्रदर्शन को मजबूत करने के लिए देवभूमि पूर्व-सैनिक कल्याण समिति, हरिद्वार का 60 पूर्व-सैनिकों का प्रतिनिधि दल शामिल हुआ जिसका नेतृत्व खुद संगठन के अध्यक्ष श्री दिनेश चंद्र सकलानी ने किया।
प्रतिनिधि मंडल को समिति के सचिव श्री विजय शंकर चौबे एवं उपाध्यक्ष बी एस शर्मा ने सुबह 5:00 बजे स्वर्ण जयंती पार्क से भारत माता की जय एवं भारतीय सेनाओं के जयकारों के साथ रवाना किया। जंतर-मंतर में अध्यक्ष सकलानी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा सेना में ओआरओपी को मंजूरी दी गई है जिसकी प्रति पाँच वर्ष में समीक्षा की जानी है।
2019 में संशोधित ओआरओपी में तीनों सेनाओं के जवानों एवं जेसीओ को कुछ भी फायदा नहीं हुआ है यहाँ तक कि पीसीडीए प्रयागराज द्वारा जारी ओआरओपी टेबल में अधिकतर जवानों एवं जेसीओ की पेंशन 2014 से कम दर्शाया गया है जबकि सेना के अधिकारियों की पेंशन में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि सरकार को इसमें हस्तक्षेप करते हुए इस त्रुटि को सुधारने की आवश्यकता है। प्रदर्शन में हरिद्वार से योगेंद्र पुरोहित, प्रकाश चंद्र भट्ट, रितुराज चौहान, मनोज भट्ट, शिव नंदन, जितेंद्र असवाल, शंभू बैठा, दुर्गेश राय, प्रेम प्रकाश नौटियाल, सोम प्रकाश शर्मा, मनोज शर्मा, ओम प्रकाश थापा, वीरेंद्र भंडारी, भगवान सिंह, वी डी शर्मा, कोमल सिंह रौथाण, महावीर सिंह बिष्ट, हर्षपाल सिंह, मदन मोहन त्रिपाठी, सतेश्वर बडोनी, गुलाब झा, बलबीर सिंह, अवधेश कुमार, भीम बहादुर थापा, विमल डोवल, संजय नैथानी, रामेश्वर प्रसाद, प्रवेंद्र सिंह, भैरव दत्त नैनवाल, गोपी चंद, पदम बहादुर, हिम्मत सिंह, रमेश चंद्र शर्मा आदि शामिल हुए।