उत्तर प्रदेश से इस वक्त की बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। बाहुबली और उत्तर प्रदेश से पूर्व सांसद मुख्तार अंसारी की बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई है। इस खबर के तुरंत बाद ही बांदा मेडिकल कॉलेज को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात मौत हो गई। जेल की बैरक में मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब होने पर जेल प्रशासन रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले आया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही थी।
सूचना मिली कि मुख्तार को आईसीयू से सीसीयू में भर्ती करना पड़ा। यहां मुख्तार के इलाज में 9 डॉक्टरों की टीम लगाई गई। हालांकि, मुख्तार की जान नहीं बच सकी।
इससे पहले मंगलवार को उसे मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने कब्ज की समस्या बताई थी और इलाज के बाद उसी दिन कारागार भेज दिया था। बुधवार को जेल में उसके स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया था, जिसमें सब सामान्य मिला था।
बीते दिनों कोर्ट में मुख्तार अंसारी ने बताया था उनको स्लो प्वाइजन देकर मारने की कोशिश की जा रही है। इन आरोपों के बाद जेल के तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था।
बीते दिनों मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी जो उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार हैं, उहोने कहा था , ‘मुख्तार अंसारी की हत्या करने की साजिश रची जा रही है, कई दिनों से ये साजिश चल रही है।
परिवार ने तो कोर्ट में याचिका भी दी है कि मुख्तार अंसारी को दूसरे किसी राज्य में रखा जाए और वहां ट्रायल चलाया जाए। मौत का एक दिन निश्चित है लेकिन शैतान तो उनकी हत्या करने की कोशिश कर रहा है।
मुख्तार अंसारी ने अंतिम बार 2017 में मऊ सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था. इस चुनाव के दौरान नामांकन में दाखिल किए गए शपथपत्रों के अनुसार देश की अलग-अलग अदालतों में मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, दंगे भड़काने, आपराधिक साजिश रचने, आपराधिक धमकियां देने, संपत्ति हड़पने और धोखाधड़ी करने के साथ ही सरकारी काम में बाधा डालने समेत कुल 16 मुकदमें दर्ज हैं।
36 साल पुरानी अपराध की दुनिया
हालांकि बीते दिनों ही उन्हें करीब 36 साल पुराने गाजीपुर के फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत ने मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई थी. इसी अदालत ने ही 5 जून 2023 को अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
मुख्तार को अब तक सात मामलों में सजा मिल चुकी है. जबकि आठवें मामले में दोषी करार दिया गया है. जिस मामले में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
मुख्तार अंसारी के खिलाफ 2010 में कपिल देव सिंह की हत्या और 2009 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में मीर हसन नामक व्यक्ति की हत्या के प्रयास मामले में आरोप साबित हो चुके हैं। इसके अलावा BJP विधायक कृष्णानंद राय के अपहरण और हत्या मामले में 10 साल की सजा काट रहे हैं. पिछले डेढ़ साल में इन सभी मामलों में उन्हें सजा सुनाई गई है।
सियासी इतिहास
उनका अपराध के साथ ही राजनीति के दुनिया में दबदबा रहा है। उन्होंने पहली बार 1996 में बीएसपी के टिकट पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद वह 2002, 2007, 2012 और 2017 में विधायक बने थे। वह मऊ से विधायक रहे. 2002 और 2007 में वह निर्दलीय विधायक चुने गए थे। अभी इसी सीट पर उनके बेटे अब्बास अंसारी सुभासपा के टिकट पर चुनाव जीते हैं।
मुख्तार अंसारी का पूरी परिवार अभी राजनीति में सक्रिया है। भाई अफजाल अंसारी मोहम्मदाबाद से लगातार पांच बार विधायक रहे चुके हैं। अभी गाजीपुर से सांसद और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं। हम्मदाबाद सीट से ही अभी मुख्तार के परिवार के मुन्नू अंसारी विधायक हैं।