आज दिनांक 07.10.2023 को इन्दर सिंह रावत राजकीय महाविद्यालय पौखाल की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में स्वयंसेवियों ने महाविद्यालय में गढ़ भोज दिवस मनाया।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एन सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य पहाड़ी भोजन और पहाड़ी फसलों को पहचान दिलाने के साथ ही उसकी पौष्टिकता से लोगों को रूबरू कराना है, ताकि यह पहाड़ के लोगों के लिए आर्थिक उन्नति का माध्यम बन सके।

गढ़ भोज दिवस कार्यक्रम राज्य की संस्कृति को जिंदा रखने का माध्यम है। गढ़ भोज दिवस के इतिहास पर चर्चा करते हुए प्राचार्य महोदय ने कहा सामाजिक कार्यकर्ता और हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी के सचिव “गढ़ भोज “अभियान के जन्मदाता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने उत्तराखंड के पारंपरिक पहाड़ी व्यंजनों से बनी एक विशिष्ट उत्तराखंडी थाली को लोकप्रिय बनाने का अभियान शुरू किया था।

इसका उद्देश्य स्थानीय फसलों विशेष कर बाजरे जैसे मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देना था।

तदोपरान्त एन.एस.एस. कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अंधरूती शाह के निर्देशन में गढ़ भोज दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में उत्तराखंडी पहाड़ी व्यंजन बनाने की एक प्रतियोगिता आयोजित हुई जिसमे एन.एस.एस इकाई के स्वयंसेवियों ने पहाड़ी व्यंजन जैसे उड़द की दाल की पकोड़ी, झंगोरे की खीर, तिल की चटनी आदि कई उत्तराखण्ड के पारंपरिक व्यंजन बनाए।

जिसमे प्रथम स्थान कोमल, मीनाक्षी, शिवानी के ग्रुप को मिला, द्वितीय स्थान खुशी, सोनी, संजना के ग्रुप को मिला तथा तृतीय स्थान प्रीति, सजनी, रिंकू को मिला।

इसी शृंखला में एक निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित कराई गई जिसमे प्रथम स्थान अंजली बीए तृतीय वर्ष, द्वितीय स्थान सपना एवं तृतीय स्थान रविना को मिला। उपर्युत प्रतियोगिताओ में मुख्य निर्णायक डॉ.एस पी भट्ट, डॉ.बी आर भद्री श्रीमती संतोषी ने अपना योगदान दिया।

उक्त कार्यक्रम में एन.एस.एस. कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अंधरूती शाह, श्रीमती संतोषी, डॉ. संजीव प्रसाद भट्ट, डॉ. बालक राम बद्री, डॉ. श्याम कुमार, डॉ. के एल गुप्ता, कुसुम, रोशन, अनिल, गंभीर तथा एन.एस.एस. स्वयंसेवी छात्र छात्राओं ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया l