देश विदेश में पीले अक्षत एवं अयोध्या धाम का निमंत्रण बाट रहे राम भक्तों को समर्पित गीत ….
हर घर रामदुलारे
पीले चावल बांँट रहे हैं,
हर घर राम दुलारे।
इनका स्वागत कर लो भैया ,
यह हैं प्राण हमारे।।१
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर देखो,
सिद्ध हुए हैं सारे।
भारत मांँ के लाल लालियाँ,
चंदा सूरज तारे।।
मंदिर के छवि चित्र हाथ में,
पत्रक हैं बहुतेरे।
अवधपुरी से न्योता लाये,
राम लला के चेरे।।
राम राम जय राम राम के,
खूब लगाते नारे।
पीले चावल बांँट रहे हैं,
हर घर राम दुलारे।।१।।
आँधी वर्षा तूफानों से ,
नहीं कभी यह हारे।
देश धर्म के खातिर देखो,
सब कुछ अपना वारे।।
ऐसी भीषण सर्दी में भी,
काम राम का करते।
जीवन धन्य समझते अपना,
उर खुशियों से भरते।
आओ इनकी बात सुने हम,
जागे भाग्य हमारे।
पीले चावल बांँट रहे हैं,
हर घर राम दुलारे।।2।।
प्राण प्रतिष्ठा रामलला की,
रामधाम में होगी।
कई हजारों संत महात्मा,
और रहेंगे योगी।।
हर मंदिर में भजन कीर्तन,
करना और कराना।
राम राम श्री राम राम के,
जय उद्घोष लगाना।।
इस पावन अवसर पर वे तो,
अपना भाग्य संँवारे।
पीले चावल बांँट रहे हैं
हर घर राम दुलारे।।3।।
समरसता के भाव जगाते,
कहते सबसे जाकर।
सत्य सनातन धर्म हमारा,
सुना रहे हैं गाकर।।
गाँव शहर अरु महानगर में,
दीप दिवाली लाना।
रंग बिरंगी रंगोली से,
अपने द्वार सजाना।
जन-जन में श्री राम विराजे,
सुत कौशल्या प्यारे।
पीले चावल बांँट रहे हैं,
हर घर राम दुलारे।।4।।
विष्णु शर्मा हरिहर
अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़ प्रांत राजस्थान