डा0 संदीप भारदॄाज,एनटीन्यूज़,हरिद्वारः वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नात महाविद्यालय,डाकपत्थर विकास नगर, देहरादून के अंतर्गत आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल में आजादी के अमृत महोत्सव के तत्वाधान में ऑनलाइन विशेष व्याख्यान श्रृंखला के पंद्रवे चरण में कल दिनांक 14/09/2021 को काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।

काव्य गोष्ठी में अपनी रचना प्रस्तुत करने के लिए डॉ प्रभात द्विवेदी, रानीखेत से जिन्होंने अपनी रचना ‘पूछते हैं रास्ते’ और ‘फिर दूबारा से आएंगे हम’शीर्षक पर अपनी प्रस्तुत दी। श्री राजीव कुमार झा बिहार से, जिन्होंने ‘माँ बता में आऊं कैसे’ कविता प्रस्तुत की। डॉ हेम चंद्र दुबे, गरुड़ से जिन्होंने ‘ मेरी जिंदगी एक ख्वाब है, चाहे जितना तुम इसे देख लो’ प्रस्तुत की। डा नीरज श्रीवास्तव, प्रयागराज ने ‘मेरी माँ’ पर अपनी प्रस्तुति दी।

प्रो0 आर एस गंगवार, डाकपत्थर ने ‘धरती हिंदुस्तान की’ कोरोना काल को ध्यान में रखते हुए अपनी कविता प्रस्तुत की। श्री हेम चंद्र सकलानी, देहरादून ने ‘शब्द जगमग दीप से हैं’ शीर्षक पर अपनी कविता प्रस्तुत की। डॉ अर्चना डिमरी, देहरादून ने ‘हिंदी हमारी आन, बान, शान है’ शीर्षक पर अपनी प्रस्तुति दी। श्री पुष्पेंद्र त्यागी , देहरादून ने ‘अपना पल जिया है क्या’ और ‘अपने दिल की बात कहूँ क्या’

शीर्षकों पर अपनी रचना प्रस्तुत की। डॉ सुभाष नौटियाल, नई टिहरी ने ,’ समझदार लोग कहते हैं, कितनी भी हो लड़ाई सुलह कीजिये’ शीर्षक पर अपनी प्रस्तुति दी। डॉ केशव मोहन पांडेय , दिल्ली ने ‘कैसे भूलूँ तेरा प्यार’ शीर्षक पर अपनी प्रस्तुति दी। श्रीमती विमला भंडारी, शास्त्रीय गायन विशारद, द्वारा ‘इस जहां में एक ऐसी सूरत है’ शीर्षक पर अपनी सूंदर प्रस्तुति गाकर प्रस्तुत की। महाविद्यालय के मुख्य प्रशानिक अधिकारी श्री मनमोहन सिंह ने अपनी कविता ‘निर्लेप प्राणी’ आधुनिक छात्र व छात्राओं के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के संरक्षक, प्राचार्य प्रोफ(डॉ) जी आर सेमवाल द्वारा की गई।

प्राचार्य द्वारा ‘मेरे वतन’ शीर्षक पर अपनी प्रस्तुति दी गई। प्राचार्य जी ने सभी कवियों का हृदय से धन्यवाद किया एवं अपनी बात रखते हुए कविता का सार समझाया कि कोई भी कविता किसी खास उद्देश्य को लेकर लिखी जाती है, वह कविता जिस भाव को व्यक्त करने वाली होती है, जिस विचार को प्रकट करने वाली होती है, वही कविता का उद्देश्य है और उसी को कविता का सार भी कहा जाता है।कार्यक्रम का संचालन डा अरविंद अवस्थी, विभाग प्रभारी, हिंदी, द्वारा किया गया। कार्यक्रम संयोजक डॉ राकेश कुमार जोशी, समन्वयक डॉ. राकेश मोहन नौटियाल, आयोजन सचिव डॉ. दीप्ति बगवाड़ी, आयोजन समिति सदस्यों में डॉ आशाराम बिजल्वाण,डा कामना लोहनी, डॉ आर पी बडोनी, डॉ. नीलम ध्यानी ,   डॉ. विनोद रावत, डॉ माधुरी रावत व डा अमित गुप्ता द्वारा ऑनलाइन काव्य गोष्ठि व्यवस्था देखी गई।

काव्य गोष्ठी मे प्राध्यापक वर्ग मे डॉक्टर आशुतोष त्रिपाठी, डॉक्टर मुक्ता डंगवाल, डॉ निरंजन प्रजापति, डॉ पूजा पालीवाल, डा एम एस पंवार, डॉ अनुराग भंडारी, डा दर्शन सिंह आदि उपस्थित रहे।

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