लो अब आ गया भगवान भोलानाथ का प्रिय सावन का महीना …
देवेंद्र कुमार सक्सेना संस्कृति समाज सेवी तबला वादक राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा की सरस रोचक व ज्ञानवर्धक अभिव्यक्ति…
भगवान शिव और पार्वती का सावन के महीने में विवाह हुआ..
पार्वती जी ने हर जन्म में शिवजी को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की और वह तपस्या सावन के महीने में सफल हुई..
सावन के महीने में समूची प्रकृति गर्भवती होने की प्रक्रिया से गुजरती है। लगभग समूचा भारत का कोना कोना हरा भरा होकर स्वर्ग के समान लगता है..
सम्पूर्ण भारतीय उप महा द्वीप में सावन का महीना श्रावण महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा उज्जैन के महाकाल मंदिर में श्रावण महोत्सव शास्त्रीय संगीत संध्या का आयोजन पूरे सावन के महीने में किया जाता है।
जहाँ मुझे भी संगीत गुरूओं के सानिध्य में मंचासीन होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
अविवाहित विवाहित स्त्रियां शिव जैसे कल्याण कारी वर की प्राप्ति हेतु श्रावण सोमवार का व्रत करतीं हैं।
श्रावण में ही श्रावणी पर्व और रक्षा बंधन का पवित्र त्योहार मनाया जाता है।
श्रावण महीना हमारी भारतीय देव संस्कृति, ऋषि संस्कृति में सबसे धार्मिक आध्यात्मिक माह माना जाता है।
श्रावण मास में मछली-पकड़ना वर्जित है क्योंकि वे भी इस माह में गर्भवती होती हैं समझदार मछुआरे इस बात का ध्यान रखते हैं।
भारतीय शास्त्रीय, उप शास्त्रीयसंगीत, लोक संगीत, फिल्म संगीत में अनमोल गीत संगीत रचनाएँ सावन पर आधारित हैं ।
आपने देश के प्रसिद्ध गायक मुकेश की आवाज में फिल्म शोर का लोकप्रिय नगमा ” सावन का महीना ना पवन करें शोर, जियरर झूमें ऐसे जैसे बनमा नाचे मोर ”
सावन के झूले.. पडे तुम चले आओ…..
उप शास्त्रीय संगीत की रचना ” अब के सावन घर आजा….. हम सब संगीत प्रेमियों ने मन को आंनदित कर देती है …
भारत उप महाद्वीप में पूरी प्रकृति हरि भरि होकर हर हर महादेव के पवित्र जय घोष से गूंज उठती है।
शिव भक्त सावन मास में बाबा अमरनाथ की यात्रा ज्योतिर्लिंग दर्शन करने जाते हैं एवं
कावडिया भक्त शिवालयों में जल चढ़ाने हजारों लाखों की संख्या पैदल यात्रा करतें है।
इस प्राकृतिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक परम्परा को हम सभी को हर्षोल्लास के साथ प्रति वर्ष सपरिवार इष्ट मित्रों सहित मनाना चाहिए..यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है… .
एक तुम्हीं आधार शिव प्रभु.. एक तुम्हीं आधार
कैसा भी हो तेरन हारा
मिले न जब तक चरण सहारा। हो सका भव पार शिव प्रभु एक तुम्हीं आधार…
हर-हर महादेव..